CA की पढ़ाई के बाद सीतापुर के राजीव ने शुरू की खेती, अब 55 लाख तक पहुंचा टर्नओवर

CA की पढ़ाई के बाद सीतापुर के राजीव ने शुरू की खेती, अब 55 लाख तक पहुंचा टर्नओवर

Success Story: राजीव बताते हैं कि 165 क्विंटल जिमीकंद अब तक सऊदी जा चुका है, अभी आगे आर्डर लगा हुआ है. 23 एकड़ में अलग-अलग फसलों की खेती करने वाले युवा किसान ने बताया कि 6.5 बीघे में बांस, 15 बीघे में टमाटर और केला की 20 बीघे में खेती कर रहे है.

सीतापुर के युवा किसान राजीव त्रिपाठी ने नौकरी छोड़कर गांव में संभाली खेती की कमान (Photo Credit-Kisan Tak)सीतापुर के युवा किसान राजीव त्रिपाठी ने नौकरी छोड़कर गांव में संभाली खेती की कमान (Photo Credit-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Oct 25, 2024,
  • Updated Oct 25, 2024, 2:50 PM IST

यूपी के सीतापुर जिले का रहने वाला एक युवा किसान लाखों युवाओं की प्रेरणा बन गया है. जानिए कौन है ये लड़का और गांव में ऐसा क्या कर रहा है, जिसकी वजह से वो सालाना 50-55 लाख रुपये तक कमा रहा है. आज हम आपको सीतापुर के किसान राजीव त्रिपाठी की सफलता की कहानी बताने जा रहे है, जिन्होंने LLB, B.ED और CA की पढ़ाई के बाद लखनऊ के आईटी के पास इनकम टैक्स और जीएसटी का ऑफिस खोला, लेकिन शहर की नौकरी और काम उन्हें रास नहीं आई और गांव वापस लौटकर खेती-किसानी में जुट गए. राजीव एक प्रगतिशील किसान का सच्चा उदाहरण है, जो न केवल खेती से अपनी कमाई बढ़ा रहा है बल्कि दूसरों को रोजगार भी दे रहे है.

नौकरी छोड़कर गांव में संभाली खेती की कमान

इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में युवा राजीव ने बताया कि 2018 में पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती शुरू किया. सबसे पहले कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से राय लेने के बाद मौसम के हिसाब से फसलों और सब्जियों की खेती करने लगे. जैसे- जिमीकंद, टमाटर, केला, बांस, हल्दी, काली हल्दी, नींबू, पपीता, तरबूज की खेती की शुरुआत की. 

आधुनिक खेती से सालाना लाखों का टर्नओवर

प्रगतिशील किसान राजीव ने आगे बताया कि दिन रात की कड़ी मेहनत की बदौलत आज हमारे खेत के जिमीकंद यूपी के 16 जिलों से लेकर सऊदी अरब तक सप्लाई हो रही हैं. सऊदी तक सप्लाई कर रहे जिमीकंद की फसल पर राजीव बताते हैं कि 165 क्विंटल जिमीकंद अब तक सऊदी जा चुका है, अभी आगे आर्डर लगा हुआ है. 23 एकड़ में अलग-अलग फसलों की खेती करने वाले युवा किसान ने बताया कि 6.5 बीघे में बांस, 15 बीघे में टमाटर और केला की 20 बीघे में खेती कर रहे है. वहीं जिमीकंद की फसल 2.5 एकड़ में लगी हुई है. सबसे खास बात है कि व्यापारी खुद हमारे खेत में आकर सारा माल खरीद लेते हैं.

मशीनीकरण पर फोकस कम

उन्होंने बताया कि मशीनीकरण पर हमारा जोर कम रहता है, क्योंकि हमारा फोकस लेबर से काम लेने का ज्यादा होता है, यही वजह है कि आज 25 से अधिक परिवारों को रोजगार दिया, जिससे उनका भरण-पोषण हो सके. हमारे यहां लेबर रोजाना काम करते है, इसलिए उनका दूसरी जगह काम करने नहीं जाना पड़ता.

आधुनिक खेती और बेहतर उत्पादन के लिए मिला सम्मान

अपनी 6 सालों की कड़ी मेहनत की बदौलत आज राजीव का सालाना टर्नओवर 55 लाख के ऊपर पहुंच चुका हैं. आज उनको देखकर दर्जनों किसान पारंपरिक खेती से बाहर निकलकर आधुनिक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. प्रगतिशील किसान राजीव त्रिपाठी को आधुनिक खेती और बेहतर उत्पादन के लिए केवीके द्वारा कई बार अलग-अलग मंचों पर सम्मानित भी किया हैं.

 

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