Successful Farmer: पट्टे की जमीन पर करते हैं हल्दी की खेती, अपनी फसल को प्रोडक्ट बनाकर पहुंचाया मार्केट में, सालाना कमाई लाखों में

Successful Farmer: पट्टे की जमीन पर करते हैं हल्दी की खेती, अपनी फसल को प्रोडक्ट बनाकर पहुंचाया मार्केट में, सालाना कमाई लाखों में

फरीदकोट के किसान मंजीत सिंह पट्टे पर जमीन लेकर हल्दी की खेती करते हैं. किराए की जमीन लेकर खेती करने के कारण उन्हें किसानों को मिलने वाले लाभ भी नहीं मिलते हैं लेकिन फिर भी वह सालाना लाखों में कमा रहे हैं.

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निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली,
  • Jan 08, 2025,
  • Updated Jan 08, 2025, 1:29 PM IST

    हमारे देश में ऐसे बहुत से किसान हैं जिनके पास अपनी जमीन नहीं है लेकिन जज्बा इतना है कि किराए पर खोत लेकर खेती कर रही हैं. कुछ ऐसी ही कहानी हम आपको बता रहे हैं पंजाब में फरीदकोट के कोटकपुरा के रहने वाले 59 वर्षीय किसान मंजीत सिंह की. मंजीत सिंह भूमिहीन हैं लेकिन उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प से अपनी सफलता की कहानी को लिखा है. 

    लगभग 10 एकड़ जमीन किराए पर लेकर वह हल्दी की खेती कर रहे हैं और प्रति एकड़ 80000 रुपए जमीन का किराया देने के बाद भी वह प्रति एकड़ 4 लाख रुपए सालाना कमा लेते हैं. मंजीत सिंह ने हल्दी की खेती को अच्छे व्यवसाय में बदल दिया है. 

    मां की बीमारी में बेच दी जमीन 

    इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंग्रेजी में ग्रेजुएट और स्किल्ड स्टेनोग्राफर, मंजीत सिंह के परिवार के पास एक समय 2.5 एकड़ ज़मीन थी, लेकिन उनकी मां की लंबी बीमारी के कारण, 1980 के दशक में परिवार को ज़मीन बेचनी पड़ी. इस कारण वह भूमिहीन हो गए. हालांकि, मंजीत ने मेहनत की और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) के साथ काम करना शुरू किया. उन्होंने मल्टीनेशनल पेस्टिसाइड कंपनियों के साथ भी काम किया. 

    1990 के दशक में, मंजीत ने कुछ जमीन किराए पर लेकर खेती करना शुरू किया. 2010 तक, वह जमीन पट्टे पर लेकर हल्दी और अन्य नकदी फसलें उगाने लगे. उनका कहना है कि "हल्दी स्वस्थ है" और उन्होंने हल्दी की खेती से अपनी किस्मत बना ली. 

    खुद करते हैं अपने हल्दी पाउडर की मार्केटिंग 

    मंजीत पिछले 10 साल से भी ज्यादा समय से हल्दी की खेती कर रहे हैं. इसके लिए वह चार एकड़ पट्टे पर लेते हैं. हल्दी, अप्रैल में बोई जाती है और 10 महीने बाद फरवरी में काटी जाती है. यह कम पानी वाली फसल है जिसमें अच्छा उत्पादन मिलता है. हर एक एकड़ में 90-100 क्विंटल कच्ची हल्दी का उत्पादन होता है, जिससे प्रोसेसिंग के बाद 15-16 क्विंटल हल्दी पाउडर बनता है. 

    मंजीत सिंह अपना प्रोसेस्ड हल्दी पाउडर खुदरा बाजारों में 400 रुपये प्रति किलोग्राम और थोक विक्रेताओं को 300 रुपये प्रति किलोग्राम बेचते हैं. दिलचस्प बात यही है कि वह खुद अपनी फसल से प्रोडक्ट बनाकर इसकी मार्केटिंग कर रहे हैं. वह किसी बिचौलिए पर निर्भर नहीं रहते हैं. 

    मिल रहे हैं इंटरनेशनल ऑर्डर भी 

    मंजीत देसी हल्दी और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) द्वारा विकसित किस्म पीएच-1 दोनों की खेती करते हैं, जिसके बीज वे खुद तैयार करते हैं. उनके हल्दी पाउडर को अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर भी मिलते हैं. मंजीत सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एक एकड़ हल्दी की खेती के लिए लगभग 8 क्विंटल बीज की जरूरत होती है, जिसकी लागत 50,000 रुपये होती है. इसके अलावा, 70,000 रुपये मजदूरी, गोबर की खाद, कटाई, परिवहन और प्रोसेसिंग पर खर्च होते हैं, जबकि 80,000 रुपये जमीन के किराए पर खर्च होते हैं. 

    एक एकड़ में 15-16 क्विंटल प्रोसेस्ड पाउडर का उत्पादन होता है, जिसे थोक और खुदरा बाजारों में 5.5 से 6 लाख रुपये तक बेचा जा सकता है. सभी खर्चों को कवर करने के बाद, शुद्ध लाभ 3.5 लाख रुपये से 4 लाख रुपये प्रति एकड़ के बीच होता है. मंजीत इस बात पर जोर देते हैं कि सफलता के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है. इसके अलावा, सिंह बीज और उपभोग के लिए अन्य चार एकड़ जमीन पर लहसुन की खेती करते हैं. 


     

     

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