आज बहुत से लोग आधुनिक तकनीक के सहारे, किसानों की परंपरागत तौर पर बनी लाचार मजबूर और तंगहाल वाली इमेज को, बदलने में लगे हुए हैं. बिहार जैसे विकासशील राज्य में मशरूम की खेती कर बेहतर रोजगार कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.मशरूम की खेती पर प्राकृति मार से कोई खास नही पड़ रहा है. इसकी वजह से सूबे के बहुत से युवा ऑयस्टर, बटन मशरूम की खेती कर रहे हैं. ऐसे ही मॉर्डन किसान है पटना के दीपक कुमार भी हैं, जो बटन मशरूम उत्पादन करने के साथ मशरूम बीज तैयार कर बेहतर कमाई कर रहे हैं.
इन्होंने बटन मशरूम उत्पादन के लिए दो ग्रोथ रूम बनाया है. इससे हर रोज का 100 किलों तक मशरूम उत्पादन प्राप्त कर लेते हैं. दीपक कहते हैं कि आज के समय में आप खेती में कुछ अलग कर करके ही आगे बढ़ सकते हैं. मशरूम की खेती के साथ इसका बिजनेस भी शुरू कर सकते है, लेकिन उनका कहना है ये सब इतना आसान भी नही आपके पास योजना औऱ तकनीक जानकरी होनी चाहिए .
दीपक कुमार एमएससी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने के बाद गुडगांव में टिशू कल्चर से जुड़ी कंपनी में नौकरी किया करते थे. वे बताते है कि पढ़ाई के दौरान से खुद का बिजनेस करने की इच्छा थी. इसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़कर 2008 में मशरूम का स्पान बनाने से बिजनेस शुरू किया..एमएससी बायोटेक्नोलॉजी दीपक कहते हैं कि वे पढ़ाई के दौरान ही खुद का बिजनेस करना चाहते थे.
ये भी पढ़ें- लाट साहब लैंपस किसानों ने डेढ़ साल पहले बेचा था धान, अब तक नहीं हुआ पैसों का भुगतान
बटन मशरूम उत्पादन के लिए दीपक कुमार ने ईंट ग्रोथ रूम नहीं बनाया है. बल्कि इसकी जगह 60 एमएम के पफ पैनल की मदद से उन्होंने 18 गुणा 40 के दो ग्रोथ रूम भी बनवाए हैं. उनका कहना है कि पफ पैनल के इस्तेमाल का फायदा यह है कि आप इसे आसानी से दूसरी जगह ले जा सकते हैं. उन्होंन कहा कि प्रत्येक ग्रोथ रूम 15 सौ बैग रखे जाते है, जिसमें बटन मशरूम उगाए जाते हैं. उन्होंने ने बताया कि जितना ईंट का कमरा बनाने में खर्च आता है, उतना ही खर्च पफ ग्रोथ रूम बनाने में खर्च आता है. एक 18 बाई 40 के ग्रोथ रूम को बनाने मे कुल खर्च करीब 12 लाख रुपए आते हैं.
ये भी पढ़ें- पशुओं का इलाज करने अब घर पहुचेंगे डॉक्टर, सरकार ने शुरू की ऑनलाइन सुविधा
दीपक कुमार ने करीब 8 कठ्ठा में अपना मशरूम फार्म खोला है. जहां बटन मशरूम कम्पोस्ट और स्पान सब कुछ तैयार कर है. उन्होंने कहा अगर कोई भी बटन मशरूम का बिजनेस शुरू करना चाहता है. उसे प्रशिक्षण लेकर मशरूम की खेती करनी चाहिए. अपनी कमाई के बारे में उनका कहना है कि उनके मशरूम फार्म से रोजाना करीब 100 किलो मशरूम का उत्पादन होता है. एक किलो मशरूम तैयार करने में करीब 80 से 100 रुपए का खर्च आता है, यह बाजार में 140 से 180 रुपये किलो बिक जाता है.उन्होंने दूसरों किसानों को मशरूम की खेती पर सुझाव देते हुए कहा कि अगर किसान मशरूम की खेती करना चाहता हैंं, उसे ट्रेनिंग लेकर बटन मशरूम के साथ-साथ उस्पॉन (बीज) की भी करनी चाहिए इससे वे अच्छी कमाई कर सकता है.