Success Story: नौकरी में मिलते थे 15 हजार, आज 71 लाख का सालाना टर्नओवर, FPO ने बदली UP के किसान की किस्मत

Success Story: नौकरी में मिलते थे 15 हजार, आज 71 लाख का सालाना टर्नओवर, FPO ने बदली UP के किसान की किस्मत

धर्मेंद्र बताते हैं कि हम लोग आज मिलेट्स पर काम कर रहे हैं. क्योंकि मिर्जापुर में जवार-बाजरा यानी मोटा अनाज का उत्पादन ज्यादा होता है. ऐसे में मिलेट्स से बने प्रोडक्ट्स को बेचने की शुरूआत की.

मिर्जापुर के रहने वाले किसान धर्मेंद्र मौर्या (Photo-Kisan Tak)मिर्जापुर के रहने वाले किसान धर्मेंद्र मौर्या (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • Lucknow,
  • Jul 14, 2024,
  • Updated Jul 14, 2024, 3:26 PM IST

Successful FPO Farmer: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले किसान धर्मेंद्र मौर्या दुबरा पहाड़ी गांव के रहने वाले है. जो आज अपनी लगन और मेहनत से सफलता की नई कहानी लिख रही हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके धर्मेंद्र मौर्या ने इंडिया टुडे के किसान तक से खास बातचीत में बताया कि बस्ती के राजकीय पॉलीटेक्निक से डिप्लोमा करने के बाद दिल्ली की एक निजी कंपनी में नौकरी की. उस दौरान मुझे 15 हजार रुपये की सैलरी मिलती थी. इसी बीच कोरोना आ गया और वो अपने गांव लौट आए. चूंकि खेती बाड़ी हमारा पुश्तैनी काम है. इसलिए गांव में कुछ नया करने का मेरे मन में आइडिया आया. उन्होंने बताया कि 25 जुलाई 2022 को 10 किसान मिलकर एक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (FPO) का पंजीकरण कराया. आज मेरे FPO में 1200 किसान जुड़े हुए हैं.  

मिलेट्स के प्रोडक्ट्स बेचकर लाखों में कमाई

धर्मेंद्र बताते हैं कि हम लोग आज मिलेट्स पर काम कर रहे हैं. क्योंकि मिर्जापुर में जवार-बाजरा यानी मोटा अनाज का उत्पादन ज्यादा होता है. ऐसे में मिलेट्स से बने प्रोडक्ट्स को बेचने की शुरूआत की. मिलेट्स बने प्रोडक्ट्स जैसे बिस्कुट की अलग-अलग वैरायटी, नमकीन की कई वैरायटी, मल्टीग्रेन आटा और चने की दाल बेच रहे है. मिलेट्स प्रोडक्ट्स को हम वाराणसी, दिल्ली समेत कई राज्यों नें सप्लाई कर रहे है. दिल्ली में ग्रामीण फाउंडेशन के साथ हमारी कंपनी का करार भी हुआ है. दरअसल, मिलेट्स से बने हुए प्रोडक्ट्स की डिमांड कई राज्यों से आती है. ज्यदातर लोग इसको खाना पसंद करते है.

आज कंपनी के पास 1238 शेयर धारक

मूलरूप से यूपी के मिर्जापुर के रहने वाले धर्मेंद्र मौर्या ने बताया कि फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी (CITYBLOCK) की स्थापना 25 जुलाई 2022 में हुई थी. तब से लेकर आज तक इस कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दो साल के अंदर कई उपलब्धियां भी हासिल की.

मिलेट्स से बने नमकीन की कई वैरायटी

इस कंपनी ने 10 सदस्यों के साथ शुरुआत की थी. आज कंपनी के पास 1238 शेयर धारक हैं. उन्होंने बताया कि पहले किसानों को सरकारी स्कीम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, आज किसान इसका लाभ लेकर लखपति बन रहे हैं. हमने गांव में 75 सोलर पंप लगवाया है, प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अर्तगत. इसका फायदा किसानों को खूब हो रहा है. 

अगले साल 1 करोड़ रुपये का बिजनेस प्लान

एफपीओ बनने के बाद किसानों की कमाई बढ़ी है. इससे उनके जीवन स्तर में बहुत बदलाव आया है. वहीं सालाना आय की बारे में उन्होंने बताया कि वर्तमान में कंपनी का सालाना टर्नओवर 71 लाख रुपये हैं. भविष्य की योजना बताते हुए उन्होंने कहा कि अगले साल 1 करोड़ रुपये का बिजनेस प्लान तैयार किया है. बता दें कि एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन, किसानों का एक ऐसा समूह जो अपने क्षेत्र में फसल उत्पादन से लेकर खेती-किसानी से जुड़ी तमाम व्यावसायिक गतिविधियां भी चलाता है. 

कैसे होता है FPO का रजिस्ट्रेशन

फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी बनाने के लिए 10 लोग होने चाहिए, जिसमें पांच डायरेक्टर होते हैं. और हां उन्हें किसान होना चाहिए. यह प्रमाणपत्र जिला कृषि अधिकारी या तहसीलदार या एसडीएम के माध्यम से जारी होता है. इसे प्रोड्यूसर सर्टिफिकेट कहा जाता है. सबसे जरूरी होता है कि अगर आपने प्रोड्यूसर कंपनी बनाई है तो आपको प्रोड्यूज करना होगा, ये नहीं कि बस कंपनी रजिस्टर करा ली और काम खत्म हो गया. रजिस्ट्रेशन के लिए पहली खतौनी, दूसरा उसका आधार कार्ड, तीसरा पैन कार्ड और चौथा एक पासपोर्ट साइज फोटो लगती है. एफपीओ के रजिस्ट्रेशन में 15000 रुपए और ज्यादा से ज्यादा 25000 का खर्च आता है.

 

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