शहद उत्पादन में बिहार अग्रणी राज्यों में शामिल है. आज ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के युवक मधुमक्खी पालन से जुड़कर अपनी आय को बेहतर कर रहे हैं. वहीं अब कुछ ऐसे भी युवक हैं, जो विदेश में अच्छे पैकेज वाली नौकरी छोड़कर शहद के कारोबार से जुड़ रहे हैं. इस क्षेत्र में सरकारी मदद से स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं. पटना के रहने वाले जकी इमाम की कहानी भी कुछ इसी तरह की है. वह दुबई और ओमान में नौकरी करते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों से बिहार के पटना को अपनी कर्मभूमि बनाते हुए अपने बड़े भाई के साथ शहद का व्यवसाय कर रहे हैं. जकी बताते हैं कि आज शहद का व्यवसाय कमाई का बेहतर विकल्प है. बस इसको लेकर लोगों के बीच जागरूकता की जरूरत है. कभी पिता हमारे इस निर्णय से काफी नाराज थे. आज वह रिश्तेदारों से लेकर अन्य लोगों को मेरा ऑफिस दिखाते हैं.
जकी के भाई फजल इमाम ने बिहार सरकार की स्टार्टअप पॉलिसी की मदद से इमाम ब्रदर्स कंपनी के नाम से स्टार्टअप शुरू किया है. वहीं जकी इस कंपनी के डायरेक्टर हैं. करीब दो साल से शहद के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. शहद की विभिन्न तरह की वैरायटी कलेक्ट करने के साथ कई तरह के एडिट प्रोडक्ट भी बना रहे हैं. यह कहते हैं कि उनका सपना है कि लोगों के पास नेचुरल उत्पाद पहुंचे. लोगों को दवा से दूर रखना है.
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पटना शहर के फुलवारी शरीफ इलाके में रहने वाले जकी दुबई और ओमान में केमिकल इंजीनियर के पद पर काम कर रहे थे. पिछले पांच साल दुबई में नौकरी करने के बाद कोविड के दौरान घर आए जकी बताते हैं कि जब घर आए तो शहद के कारोबार से जुड़े. कुछ महीने शहद को लेकर काम किया. लेकिन कोविड के खत्म होने के बाद एक बार फिर से ओमान गया. मगर दो महीना काम करने के बाद घर वापस आ गया. उसके बाद से शहद के व्यवसाय से जुड़कर काम करने लगा. वहीं फरवरी 2022 में शहद व्यवसाय को स्टार्टअप के रूप में शुरू किया. बिहार सरकार के उद्योग विभाग से पिछले कुछ दिन पहले स्टार्टअप को हरी झंडी भी मिल चुकी है. पिछले नौ महीने के दौरान कंपनी का वैल्यू 40 लाख तक पहुंच गया है.
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इमाम कहते हैं कि शहद के क्षेत्र में बहुत ही ऐसे काम किए जा सकते हैं. बस लोगों को इसके बारे में जानकारी देने की जरूरत है. वे जामुन, तुलसी, लीची और सहजन से प्राप्त होने वाले शहद किसानों से खरीदते हैं. इसके साथ ही अतिरिक्त उत्पाद भी बनाते है, जैसे मुरब्बा में आंवला के साथ चीनी की जगह शहद मिलाकर बाजार में बेचते हैं. इसके साथ ही शहद के साथ अदरक और शहद के साथ हल्दी मिलाकर बेचते हैं. वे हर्बल प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध करा रहे हैं. जकी के साथ करीब पचास से अधिक किसान जुड़कर काम कर रहे हैं. इसके साथ ही वह करीब पांच से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं. कभी विदेश में डेढ़ लाख से अधिक महीना में कमाने वाले जकी अब शहद के व्यवसाय से जुड़कर उससे कहीं अधिक पैसा कमाने के साथ अपनी अलग पहचान बना रहे हैं.