खरीफ सीजन की फसलों को लेकर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है. धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उड़द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और तिल जैसी फसलों का बीमा अब 31 जुलाई तक कराया जा सकता है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान केवल 2 फीसदी प्रीमियम जमा कर फसल की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. बाकी राशि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देंगी. प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि वे अंतिम तिथि से पहले अपने बीमा करा लें, ताकि प्राकृतिक आपदा, कीट, बीमारी या असफल बुवाई जैसी स्थिति में उन्हें मुआवजा मिल सके.
सरकार का उद्देश्य किसानों की आय को स्थिर बनाए रखना और उन्हें खेती से जुड़े जोखिमों से सुरक्षित करना है. बीमा का कवरेज पूरे प्रदेश में लागू है. सभी 75 जिलों के किसान इसका लाभ उठा सकते हैं. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक और फसल का विवरण देना होगा. पंजीकरण के लिए किसान बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर या पोर्टल [www.pmfby.gov.in] (http://www.pmfby.gov.in) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
फसल को किसी भी तरह की क्षति की स्थिति में किसान को 72 घंटे के भीतर नजदीकी फसल बीमा सेंटर, कृषि विभाग या हेल्पलाइन नंबर 14447 पर जानकारी देनी होगी, ताकि बीमा कंपनी द्वारा सर्वे कराकर समय पर मुआवजा दिया जा सके. सरकार ने स्पष्ट किया है कि बीमा करते समय वास्तविक फसल और जमीन का विवरण ही दें, ताकि बाद में कोई असमंजस न हो. बीमा योजना किसानों को न्यूनतम प्रीमियम में अधिकतम सुरक्षा देती है. यह न केवल प्राकृतिक आपदा के बाद राहत देती है, बल्कि फसल उत्पादन जोखिम से सुरक्षा, ऋण चुकाने में सहायता और कृषि क्षेत्र में स्थायित्व जैसे आर्थिक लाभ भी सुनिश्चित करती है.
किसान किसी भी जानकारी या दस्तावेज संबंधी मार्गदर्शन के लिए फसल बीमा हेल्पलाइन नंबर 14447 पर संपर्क कर सकते हैं. कॉल करते समय किसान अपने आधार, कृषक आईडी और खेत संबंधी विवरण पास में रखें. यह हेल्पलाइन किसानों को पंजीकरण से लेकर क्लेम प्रक्रिया तक हर स्तर पर सहयोग प्रदान कर रही है. सरकार ने दोहराया है कि यह योजना किसानों को हर आपदा से बचाव देने वाला कवच है. इसलिए समय रहते किसान इसका लाभ लें और अपने खेत की रक्षा सुनिश्चित करें.