हम सब जानते हैं कि भारत एक बहुत बड़ा देश है. हम दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनने के काफी करीब हो गए हैं. लगातार बढ़ती आबादी देश के लिए कई तरह से चुनौती दे रही है, जिसमें से प्रमुख है सभी को खाद्यान्न की आपूर्ति करना और सभी को रोजगार देना. इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार की ओर से अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसी तहत सरकार की ओर से चलाई जाने वाली आजीविका मिशन के अंतर्गत मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में महिलाओं के द्वारा पहली बार मछली उत्पादन का काम किया गया है, जिससे उनको रोजगार का नया आधार मिला है.
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इन सभी किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. ऐसे ही मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के इछावर तहसील में कुछ महिलाओं द्वारा मनरेगा आजीविका एकीकृत पार्क में मछली पालन का काम शुरू किया गया था, जिसकी जानकारी मत्स्य पालन विभाग ने खुद ट्वीट के माध्यम से दी है. मत्स्य विभाग ने बताया कि जिले की महिलाओं द्वारा पहली बार मछली पालन का काम किया गया है. उन्होंने बताया कि हार्वेस्टिंग कर लगभग 5 क्विंटल मछलियां निकाली गईं, जिससे लगभग 50 हजार रुपए की आय प्राप्त हुई है.
सीहोर जिले की महिलाओं ने आजीविका मिशन के अंतर्गत महली उत्पादन कर लाभ कमाया है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर यह योजना है क्या? आपको बता दें कि इस योजना की शुरुआत साल 2011 में केंद्र सरकार की ओर से की गई थी. इसका नाम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन है, जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय कार्यान्वित करता है. ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को रोजगार का माध्यम देने में इसकी मुख्य भूमिका है. यह योजना स्वरोजगार को बढ़ावा देती है.
इस तरह से सरकार किसानों और बेरोजगारों के विकास में अनेक योजनाएं चलाती है. देश के अधिकांश लोगों तक ये योजनाएं पहुंच नहीं पाती. सीहोर की महिलाएं आजीविका मिशन का लाभ उठाते हुए मछली पालन शुरू कर लगभग 50 हजार का लाभ कमाया.