PMFBY: पीएम फसल बीमा योजना में नहीं कवर होते ये नुकसान, पहले ही जान लें सभी किसान

PMFBY: पीएम फसल बीमा योजना में नहीं कवर होते ये नुकसान, पहले ही जान लें सभी किसान

PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केंद्र सरकार की किसानों के लिए सबसे बड़ी और महत्वरपूर्ण योजनाओं में से एक है. इस योजना के तहत किसानों को उनकी फसल नुकसान होने पर आर्थिक मदद दी जाती है. मगर बहुत सारे किसानों को इस बात की जानकारी नहीं है कि पीएम फसल बीमा योजना में किस तरह के नुकसान की भरपाई नहीं होती.

Fasal Bima news Fasal Bima news
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Aug 25, 2025,
  • Updated Aug 25, 2025, 5:25 PM IST

IMD का कहना है कि इस खरीफ के सीजन में देश के अधिकतर क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है. ऐसे में लगभग हर राज्य में बहुत बड़े रकबे में खेती का भारी नुकासान हुआ है. लिहाजा किसानों को अपनी चौपट हो चुकी फसल के बाद एक मात्र फसल बीमा का ही सहारा है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और कीट या बीमारियों से हुए नुकसान के प्रति आर्थिक सुरक्षा देती है. मगर अधिकतर किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजन की बारीकियां नहीं पता हैं. इसलिए आज हम आपको ये बताने वाले हैं कि फसलों के किस तरह के नुकसान की भरपाई पीएम फसल बीमा योजना के तहत नहीं होती है.

अप्राकृतिक कारणों से हुई क्षति

अगर आपकी फसल का नुकसान किसी अप्राकृतिक कारण से हुई है, तो पीएम फसल बीमा योजना के तहत इसकी भरपाई नहीं की जाएगी. जैसे खेत में आग लग जाना या सिंचाई ना कर पाना, या फिर किसी और किसान की ओर से की गई कोई लापरवाही जिससे फसल खराब हुई हो. इसके अलावा अगर समय पर फसल में खरपतवार नियंत्रण या फिर उर्वरक नहीं डालते हैं और उस वजह से फसल खराब होती है तो इसका भी बीमा नहीं मिलेगा. साथ ही अगर गलत मात्रा में खाद या कोई दवा डालते हैं, तो भी बीमा क्लेम नहीं कर सकते.

इसके अलावा नकली बीज खाद-बीज, या गलत बीज और गलत बीज दर इस्तेमाल करने पर भी पीएम फसल बीमा योजना में मुआवजा नहीं मिल सकता. ये भी ध्यान दें कि अगर आपकी फसल जानवरों के हमले से खराब हुई हो, जैसे छुट्टा पशु, नीलगाय, सूअर, पक्षियों और कीटों के हमले से खराब हुई हो तो इसका भी मुआवजा नहीं मिलेगा.

कटाई और भंडारण का नुकसान

अगर किसी किसान ने अपनी फसल की कटाई कर ली है और उसे खेत से बाहर निकाल लिया हो, जैसे कि अपनी उपज को घर ले जाने के बाद, गोदाम में रखने के बाद या फिर मंडी तक ढोने के दौरान उपज को नुकसान हो जाए तो ये भी फसल बीमा के अंतर्गत क्लेम नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा भंडारण के दौरान उपज चूहे या कीड़े या घुन लग जाएं, नमी आ जाए या कोई अन्य कारण जो फसल भंडारण के दौरान हुआ हो, उसका भी मुआवजा नहीं मिल सकता. मगर ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर किसान ने फसल काट ली हो और साबुत फसल थ्रेसिंग के लिए खेत में रखी हो, तो कटाई के 14 दिनों तक खेत में रखी ये फसल बारिश/ओलावृष्टि या आंधी-तूफान से खराब हो जाए तो इस सूरत में बीमा क्लेम ले सकते हैं.

बाजार भाव से हुई नुकसान

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बाजार या मंडी भाव संबंधी नुकसान भी नहीं कवर होते हैं. अगर मंडी में किसी फसल का दाम बेहद गिर जाए और किसान को भारी नुकसान हो जाए तो पीएम फसल बीमा योजना के तहत इसका मुआवजा नहीं मिलेगा. अगर मंडी में एमएसपी से कम दाम मिले तो भी इसका भरपाई पीएम फसल बीमा योजना में नहीं होगी. वहीं इस योजना में किसान के साथ हुई व्यक्तिगत दुर्घटना भी कवर नहीं होती. जैसे खेती के दौरान किसान को कोई गंभीर चोट या मृत्यु का शिकार हो जाना.

ये भी पढ़ें-
जमीन अधिग्रहण के खिलाफ पटना में किसानों का विरोध तेज, मुआवजे को लेकर सड़कों पर उतरे
कीटनाशकों और उर्वरकों की जांच के लिए बनाया जाए एक डिवाइस, कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने किया आह्वान

MORE NEWS

Read more!