क्या है फसल प्रदर्शन योजना, यहां पढ़िए पूरी जानकारी

क्या है फसल प्रदर्शन योजना, यहां पढ़िए पूरी जानकारी

आम लोगों तक उपज नहीं पहुंचने से किसानों का आर्थिक हित प्रभावित होता है. इस समस्या को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार फसल प्रदर्शन नाम से एक योजना चलाती है.  इस योजना का मुख्य उद्देश्य फसल उत्पादन की उन्नत विधियों एवं नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाने के लिए किसान के खेत पर प्रदर्शन का आयोजन करना है. 

खेत में काम करती एक महिला किसान. फोटो- किसान तकखेत में काम करती एक महिला किसान. फोटो- किसान तक
क‍िसान तक
  • Jan 04, 2023,
  • Updated Jan 04, 2023, 8:46 PM IST

अक्सर किसानों को अपनी उपज सही जगह पहुंचाने में काफी कठिनाइयां आती हैं. खेती में हो रहे निरंतर नवाचारों को आम जनता के बीच पहुंचाने में किसान संघर्ष करते रहते हैं. आम लोगों तक उपज नहीं पहुंचने से किसानों का आर्थिक हित प्रभावित होता है. इस समस्या को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार फसल प्रदर्शन नाम से एक योजना चलाती है.  

इस योजना का मुख्य उद्देश्य फसल उत्पादन की उन्नत विधियों एवं नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाने के लिए किसान के खेत पर प्रदर्शन का आयोजन करना है. 

17 फसलों के प्रदर्शन पर मिलता है अनुदान

राज्य सरकार फसल प्रदर्शन योजना के तहत कई तरह की फसलों के लिए सब्सिडी देती है. कृषि विभाग के अनुसार 17 फसलों पर सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है. इस लिस्ट के मुताबिक खरीफ मौसम की तिलहनी फसलों पर वास्तविक खर्चे का 50 प्रतिशत या अधिकतम सब्सिडी दी जाती है.

इसमें मूंगफली पर 10 हजार रुपए, सोयाबीन छह हजार, तिल 1800, अरंडी तीन हजार रुपए तक अनुदान दिया जाता है. इसके अलावा रबी मौसम में सरसों और अलसी पर तीन हजार रुपए रुपए, तारामीरा 2090 रुपए, सरसों एवं मधुमक्खी पालन पर पांच हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है. 
इसके अलावा गेंहू 7500 रुपए, चना नौ हजार, मक्का पांच हजार, जौ छह हजार, ज्वार  3670 रुपए, बाजरा 3600, नॉन बीटी कॉटन सात हजार, बीटी कॉटन 3800 रुपए और ग्वार पर 6110 रुपए की सब्सिडी देय है. 

सब्सिडी के लिए इन शर्तों को करना होगा पूरा

फसल प्रदर्शन योजना के लिए कृषि विभाग ने कुछ शर्तें रखी हैं. इन शर्तों को पूरा करने वाले किसान ही इस योजना के लाभार्थी होंगे. नीचे वही शर्तें दी जा रही हैं. 

•   ऐसे किसान जो विभा‍ग की सिफारिशों को अपना सकें और जरूरत पर मापदण्ड के अनुसार दी जाने वाला सब्सिडी के             अतिरिक्त भी राशि वहन कर सकतें हों. 
•    चयनित प्रदर्शन क्षेत्र में शुष्क खेती प्रदर्शन के अलावा सिंचाई की सुविधा होना जरूरी है. 
•    एक किसान परिवार के एक ही सदस्य को प्रदर्शन आवंटन किया जाएगा.
•    फसल प्रदर्शन आयोजन सघन क्षेत्र में होगा.
•    प्रदर्शन में बीजोपचार, मिट्टी की जांच के आधार पर ही पोषक तत्वों का आवश्यक रूप से उपयोग करना होगा.
•    एक किसान के खेत पर अधिकतम एक हैक्टेयर का एक प्रदर्शन लगाया जा सकता है. एक हैक्टेयर से कम क्षेत्र से कम क्षेत्र        शामिल करने पर Pro-rata Basis पर अनुदान देय होगा.
•    राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में प्रत्येक किसान का कम से कम 0.4 हैक्टेयर क्षेत्रफल होना आवश्यक है.
•    ऐसे कृषक जो बीते तीन साल में फसल प्रदर्शन कार्यक्रम में लाभान्वित नहीं हुए हों, वे किसान इसका पात्र होंगे. 

इस तरह करें आवेदन

फसल प्रदर्शन के लिए कृषि पर्यवेक्षक द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंच एवं अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक में विचार विमर्श कर पात्र किसानों का चयन किया जाएगा. पात्र कृषकों की लक्ष्य से तीन गुना अधिक सूची तैयार कर लॉटरी के जरिए चयन किया जाएगा. सब्सिडी केवीएसएस या जीएसएस के माध्यम से दी जाएगी. 

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