यूपी: MSME सेक्टर में हुए निवेश के 9 हजार एमओयू, गांव कस्बों में मिलेंगे रोजगार के 18 लाख मौके

यूपी: MSME सेक्टर में हुए निवेश के 9 हजार एमओयू, गांव कस्बों में मिलेंगे रोजगार के 18 लाख मौके

यूपी में ओडीओपी योजना की कामयाबी के पीछे एमएसएमई क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान है. योगी सरकार ने इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए निजी निवेश को माध्यम बनाया है. ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में सरकार को एमएसएमई क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा निवेश मिलने से गांव कस्बों में लगभग 18 लाख रोजगार के मौके पनपने का रास्ता खुल गया है.

यूपी के गांव एवं कस्बों में होगा लघु एवं कुटीर उद्योग क्षेत्र में निवेश, रुकेगा ग्रामीण पलायन  यूपी के गांव एवं कस्बों में होगा लघु एवं कुटीर उद्योग क्षेत्र में निवेश, रुकेगा ग्रामीण पलायन
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Feb 18, 2023,
  • Updated Feb 18, 2023, 12:21 PM IST

यूपी में योगी सरकार की 'एक जिला एक उत्पाद' यानी ओडीओपी योजना को लघु सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के कुटीर उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र ने व्यापक एवं मजबूत आधार प्रदान किया है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 95 लाख एमएसएमई इकाइयां पंजीकृत हैं. हाल ही में संपन्न हुई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस 23) में याेगी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर में निवेश के तकरीबन 9 हजार प्रस्तावों पर एमओयू किए हैं. निवेशकों ने सरकार को भरोसा दिया है क‍ि निवेश के ये प्रस्ताव जमीन पर उतारने के बाद एमएसएमई क्षेत्र से गांव कस्बों में 18 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

उम्मीद से ज्यादा मिला निवेश

सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार यूपी सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य तय किया था. सरकार के निवेश संबंधी आंकड़ों के मुताबिक इस लक्ष्य के सापेक्ष एमएसएमई सेक्टर में सरकार को कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये के 8,829 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. यह पूर्व निर्धारित लक्ष्य का लगभग 110 प्रतिशत है.

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गांवों से रुकेगा पलायन

एमएसएमई सेक्टर में हुए निवेश के माध्यम से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लघु एवं कुटीर उद्योगों से जुड़ी इकाइयां स्थापित होंगी. निवेश प्रस्तावों के मुताबिक अध‍िकांश एमएसएमई इकाईयां गांव कस्बों में लगाई जाएंंगी. जिससे इन इकाईयों को कच्चा माल आसानी से सुलभ हो सके और परिवहन व्यय भी बचेगा. इनका सीधा फायदा ग्रामीण इलाकों के उन युवाओं को मिलेगा जो रोजगार की तलाश में महानगरों में पलायन कर जाते हैं. सरकार का मानना है कि कस्बों एवं ग्रामीण इलाकों से युवा प्रतिभाओं का पलायन रुकने का लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मिलेगा.    

50 करोड़ तक निवेश के 8 हजार से ज्यादा एमओयू

जीआईएस के माध्यम से योगी सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र में बड़े निवेशकों के साथ छोटे निवेशकों और उद्यमों को भी बढ़ावा देते हुए निवेश जुटाया. इसमें बड़ी सफलता हासिल करते हुए सरकार ने एमएसएमई के तहत सबसे ज्यादा 6212 एमओयू किए, जिनकी निवेश राशि 10 करोड़ रुपये से कम है. विभाग का दावा है कि छोटे निवेशकों की पसंद कस्बे एवं ग्रामीण इलाके हैं. विभाग को 10 करोड़ रुपये तक का एमएसएमई क्षेत्र में 26,124 करोड़ रुपए का निवेश प्रदेश में होगा.

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इसके अलावा 10 से 20 करोड़ रुपये के 938 एमओयू हुए हैं. इनके माध्यम से 15,341 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है. वहीं, 20 से 30 करोड़ रुपये के 451 एमओयू से 11,956 करोड़ रुपये, 30 से 40 करोड़ के बीच 213 एमओयू के माध्यम से 7,931 करोड़ रुपये और 40 से 50 करोड़ रुपए की लागत वाले निवेश के 894 एमओयू से 43,890 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है. इस प्रकार एमएसएमई सेक्टर में योगी सरकार ने 50 करोड़ रुपए तक के निवेश वाले कुल 8,708 एमओयू किए. इसके माध्यम से कुल 105,242 करोड़ रुपये का निवेश होगा. 

50 करोड़ से ऊपर के 121 एमओयू

जीआईएस में 50 करोड़ रुपये से अधिक निवेश के 121 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इनके माध्यम से प्रदेश में 32,312 करोड़ रुपये के निवेश जुटेगा. इसके अलावा 50 करोड़ से 100 करोड़ रुपये के बीच 65 एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 5,341 करोड़ रुपये, 100 से 200 करोड़ रुपये के बीच 33 एमओयू से 4,984 करोड़ रुपये, 200 से 500 करोड़ रुपये के बीच 13 एमओयू के जरिए 3,391 रुपये और 500 करोड़ रुपये से ऊपर के मात्र 10 एमओयू हुए हैं, जिनके माध्यम से 18,596 करोड़ रुपए का निवेश होगा. 

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