
महाराष्ट्र सरकार किसानों को दिन में मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य भर में सोलर विलेज बना रही है. ये बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही. उन्होंने कहा कि किसान रिन्यूएबल एनर्जी यानी अक्षय ऊर्जा अपनाकर दूसरी हरित क्रांति का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए सोलर कृषि फीडर योजना चलाई जा रही है, जिसकी मदद से किसानों को दिन के समय टिकाऊ और मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सौर कृषि फीडर परियोजना 2.0 समेत कई प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया. उन्होंने राज्य के वाशिम जिले के उम्ब्राथा और धाराशिव जिले के नारंगवाड़ी में चलने वाली परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की लागत घटाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी यानी अक्षय ऊर्जा को अपनाकर राज्य के किसान जल्द ही दूसरी हरित क्रांति का नेतृत्व कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों को दिन के समय बिजली उपलब्ध कराने के लिए पूरे राज्य में सौर ऊर्जा से चलने वाले गांव विकसित किए जा रहे हैं. इन गांवों में किसानों को सोलर एनर्जी से बिजली बनाने की सुविधाएं दी जा रही हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन एनर्जी अपनाने से महाराष्ट्र के किसानों के लिए निकट भविष्य में दूसरी हरित क्रांति का नेतृत्व करने का मार्ग खुलेगा. उन्होंने कहा कि सौर कृषि फीडर योजना किसानों को दिन के समय टिकाऊ और मुफ्त बिजली उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि योजना से किसानों का बिजली खर्च खत्म किया जा सकेगा. सिंचाई के लिए चलने वाले ट्यूबवेल के लिए लगने वाली बिजली का खर्च भी बचेगा.
वर्तमान में महाराष्ट्र में किसानों को 16,000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत लाइन जो सबस्टेशन या उत्पादन स्टेशन से वितरण बिंदुओं तक बिजली पहुंचाती है जिसे फीडर कहते हैं, उस फीडर को सौर ऊर्जा में स्थानांतरित करने की पहल दो साल पहले शुरू हुई थी और इसे कई चरण में पूरा किया जा रहा है.