केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के किसानों से आह्वान किया है कि वे अपनी खेती के कुछ हिस्से में प्राकृतिक खेती जरूर करें. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती धरती मां को बचाने का अभियान है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता है कि रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से धरती खराब हो रही है, इसलिए सरकार ने प्राकृतिक खेती मिशन बनाया है ताकि अगली पीढ़ी के लिए धरती बची रहे.
केंद्रीय मंत्री चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के आखिरी दिन आज गुजरात में सूरत जिले के बारडोली के राजपुर लुम्भा में किसान चौपाल में हिस्सा लिया और किसानों से प्राकृतिक और वैज्ञानिक खेती की व्यावहारिक समस्याओं पर सीधा संवाद किया. यहां उन्होंने कहा कि गुजरात के किसानों ने सफल तरीके से प्राकृतिक खेती करके पूरे देश के किसानों को प्रेरित किया है. सही ढंग से प्राकृतिक खेती की जाएं तो लागत घटती है, उत्पादन बढ़ता है इसलिए पूरे हिस्से में न करें तो कुछ एकड़ में जरूर करें. कृषि मंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया कि अगर उन्हें किसी तरह की कठिनाई होगी तो उसके समाधान के लिए देशभर के कृषि वैज्ञानिक मिलकर प्रयास करेंगे.
इस अवसर पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि 1928 में इसी बारडोली की धरती से सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सत्याग्रह शुरू किया था. ऐसे में ये उनके लिए सौभाग्य की बात है कि आज वह इस ऐतिहासिक भूमि के किसानों के बीच हैं. शिवराज सिंह चौहान ने नवाचार करने वाले किसानों के अनुभवों को जाना और उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे प्रगतिशील किसान देश की नई खेती के अग्रदूत हैं. इस मौके पर स्थानीय किसानों ने कीटनाशकों का प्रयोग न्यूनतम करने और प्राकृतिक खेती करने के साथ ही उससे अच्छी आय होने की जानकारी साझा करते हुए अपने सुझाव दिए. इसके अलावा शिवराज सिंह ने किसानों से उनकी व्यावहारिक समस्याएं भी खुलकर पूछी.
मांडवी जिले के विकास ने कृषि मंत्री को अपनी सात बीघा जमीन में की जा रही प्राकृतिक खेती के मॉडल की जानकारी दी. साथ ही अपना अनुभव बताया कि कैसे उन्होंने प्राकृतिक खेती के इस्तेमाल से सामान्य खेती के मुकाबले बीस गुना तक ज्यादा उपज हासिल की है और वे हर महीने चालीस से साठ हजार रुपये का लाभ कमा रहे हैं. एक अन्य किसान कल्पेश पटेल ने शिवराज सिंह को बताया कि पिछले पांच साल से वह प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और केले की खेती से हर महीने पंद्रह हजार रुपये तक कमा रहे हैं.
कृषि मंत्री ने कहा कि देश के किसानों की जरूरतों और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए इस अभियान के तहत वैज्ञानिकों की टीमों ने गांव-गांव का दौरा किया है. 29 मई को ओडिशा से शुरू इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत शिवराज सिंह ने ओडिशा, जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और दिल्ली में प्रवास कर वहां के किसानों से संवाद किया.