भारतीय कृषि क्षेत्र में मछली पालन काफी लोकप्रिय है. मछली पालन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है. अगर किसान अच्छे तरीके से मछली पालन करें तो कृषि क्षेत्र में इससे अलग ही पहचान बनाई जा सकती है. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा भी योजनाएं संचालित कि जाती हैं. इसी कड़ी में हरियाणा मत्स्य पालन विभाग द्वारा मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत वर्ष 2023-24 के दौरान सब्सिडी पाने के लिए 28 फरवरी 2023 तक आवेदन पत्र जमा करने की आखिरी तारीख तय की गई है.
हरियाणा के जींद जिला के मत्स्य अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत किसान पट्टा जमीन में मछली पालन करना चाहते हैं, तो उन्हें सरकार से सुविधा मिलेगी. उनके लिए 28 फरवरी आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तारीख है. इच्छुक किसान इस योजना के तहत मीठे पानी में मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण, खारे पानी के तालाब का निर्माण कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत निर्धारित परियोजना का लाभ दो भागों में बांटा गया है जिसमें सामान्य वर्ग परियोजना लागत की 40 प्रतिशत की सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी. वहीं महिला और अनुसूचित जाति वर्ग को परियोजना लागत के तहत 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक ऐसी योजना है, जिसके माध्यम से मछली पालन व्यवसाय से जुड़े हुए किसानों की आय में वृद्धि करने साथ ही उनके जीवन स्तर में सुधार करना है. दरअसल सरकार इस योजना के अंतर्गत जलीय कृषि को बढ़ावा देना चाहती है जिससे जलीय क्षेत्रों में व्यवसाय को बड़े पैमाने पर बढ़ाया जा सके.
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान आवेदन से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए सरकार द्वारा संचालित सरकारी वेटसाइट के लिंक pmmsy.dof.gov.in पर जाकर सारी जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं. यह इस योजना की सारी जानकारी उपलब्ध है. इस स्कीम का लाभ लेकर किसान मछलीपालन के लिए पोखर या गड्ढा बनवा सकते हैं और उसमें मछली पालन कर सकेत हैं. इससे उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी.