हरियाणा के 7 जिलों में लागू नहीं है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों ने सरकार से लगाई गुहार

हरियाणा के 7 जिलों में लागू नहीं है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों ने सरकार से लगाई गुहार

हिसार में करीब दो लाख किसानों ने करीब 3.18 लाख एकड़ में कपास, धान, बाजरा और ग्वार की फसल बोई है. उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकार और केंद्र ने 2016 में राज्य में पीएमएफबीवाई शुरू करने का दावा किया है, लेकिन उन्हें अभी तक इस योजना के तहत उचित बीमा कवर नहीं मिला है.

हरियाणा के 7 जिले के किसानों को कब मिलेगा PMFBY का लाभ. (सांकेतिक फोटो)हरियाणा के 7 जिले के किसानों को कब मिलेगा PMFBY का लाभ. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 17, 2024,
  • Updated Jun 17, 2024, 1:57 PM IST

हरियाणा के क्लस्टर 2 वाले जिले अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जींद, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम में लगातार तीसरे फसल सीजन के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का कवर नहीं है. इसके चलते क्लस्टर 2 में योजना को लागू करने के लिए कोई बीमा कंपनी आगे नहीं आ रही है. यह योजना पहले से ही क्लस्टर 1 और 3 के 15 जिलों में लागू है. क्लस्टर 1 में पंचकूला, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल, सिरसा, भिवानी और रेवाड़ी जिले शामिल हैं. जबकि यमुनानगर, पानीपत, पलवल, रोहतक, फतेहाबाद, झज्जर, मेवात और चरखी दादरी क्लस्टर 3 में हैं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लस्टर 2 में, किसानों को खरीफ-2023 और रबी-2024 सीजन के दौरान भी खुद के भरोसे छोड़ दिया गया, क्योंकि वहां फसलों का पीएमएफबीवाई के तहत बीमा नहीं किया गया था. पिछले साल कपास की फसल बर्बाद होने पर मुआवजा जारी करने की मांग को लेकर हिसार में किसान पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं, जबकि बीमा कंपनी ने इन जिलों में योजना लागू करने से इनकार कर दिया है.

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क्या कहते हैं किसान

हिसार में करीब दो लाख किसानों ने करीब 3.18 लाख एकड़ में कपास, धान, बाजरा और ग्वार की फसल बोई है. उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकार और केंद्र ने 2016 में राज्य में पीएमएफबीवाई शुरू करने का दावा किया है, लेकिन उन्हें अभी तक इस योजना के तहत उचित बीमा कवर नहीं मिला है. आदमपुर क्षेत्र के किरतान गांव के किसान अनिल शर्मा ने कहा कि उन्होंने इस साल आठ एकड़ में कपास बोया था. लेकिन मैं इस साल फिर से अपनी फसल के लिए बीमा कवर पाने में असमर्थ रहा हूं.

बीमा कंपनी नहीं आ रही आगे

उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी ने पिछले साल भी खरीफ की फसल के लिए कवर देने से इनकार कर दिया था. इसने किसानों द्वारा बीमा कवर के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को वापस कर दिया. पिछले साल कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी के हमले के कारण मुझे नुकसान हुआ था. उन्होंने कहा कि योजना को लागू करना राज्य सरकार का कर्तव्य था. ऐसे में सरकार को ध्यान देना चाहिए. हिसार के कृषि विभाग के उपनिदेशक राजबीर सिंह ने बताया कि क्लस्टर 2 में योजना को लागू करने के लिए कोई भी बीमा कंपनी आगे नहीं आई है.

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