प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान की तीन नदियों पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक की सौगात दोनों राज्यों के किसानों और ग्रामीओं को दी है. पीएम की मौजूदगी ने पीकेसी परियोजना का आज 17 दिसंबर को जयपुर में त्रि-पक्षीय अनुबंध हो गया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नदी जोड़ो के सपने को साकार करने के लिए निरंतर 20 वर्षों से किए जा रहा प्रयास अब मूर्त रूप ले रहा है. इस अनुबंध के जरिए तीन नदियों का पानी दोनों राज्यों के किसानों को मिलेगा. जबकि, बिजली परियोजनाओं को भी विस्तार मिलेगा. नदी लिंक परियोजना के तहत 21 बांध और बैराज बनाए जाएंगे.
मध्यप्रदेश और राजस्थान को समृद्ध और किसानों को खुशहाल बनाने वाली पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिये त्रि-पक्षीय अनुबंध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आज जयपुर में हुआ है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 20 साल पुराना झगड़ा जल का, लंबे समय तक हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चला और दोनों राज्य के लिए ये जल योजना की सौगात सच में पीएम मोदी का आर्शीवाद हमें मिल रहा है.मैं पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद दूंगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नदी जोड़ो के सपने को साकार करने के लिए निरंतर 20 वर्षों से किए जा रहे प्रयास अब मूर्त रूप ले रहे हैं. परियोजना वर्ष-2004 में मध्यप्रदेश एवं राजस्थान को सिंचाई एवं पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्तावित की गई थी. लेकिन, दोनों राज्यों के मध्य जल बंटवारे पर सहमति न बन पाने के चलते परियोजना लटकी हुई थी. अब इस परियोजना के लिए त्रि-पक्षीय समझौता हुआ है.
मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि यह प्रदेश के लिए अत्यंत सौभाग्य का विषय है. इस परियोजना से चंबल और मालवा क्षेत्र की तस्वीर एवं तकदीर बदलेगी. सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र तरक्की होगी. उन्होंने कहा कि इस नदी लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश एवं राजस्थान दोनों राज्यों के किसानों और नागरिकों के लिए वरदान साबित होगी. इससे किसानों को भरपूर सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और विकास के नये द्वार खुलेंगे. परियोजना से मिलने वाले जल से किसान अपनी उपज को दोगुना कर सकेंगे, जिससे उनके परिवार के साथ प्रदेश भी समृद्ध होगा.
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा. इसके अतिरिक्त लगभग 60 वर्ष पुरानी चंबल दाईं मुख्य नहर और वितरण सिस्टम को अपग्रेड करने से भिंड, मुरैना एवं श्योपुर जिले में किसानों को मांग के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा. इस परियोजना से मध्य प्रदेश के गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, धार, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों के 3217 ग्रामों को सिंचाई और पीने के लिए पानी का लाभ मिलेगा.
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ है, जिसमें मध्यप्रदेश 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रूपये खर्च करेगा. नदी लिंक परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी. साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिये रिजर्व रहेगा. इस नदी परियोजना के तहत 21 बांध और बैराज बनाए जाएंगे.