Ration Distribution In UP: उत्तर प्रदेश में कार्ड धारकों को अब ई-वीइंग मशीन से राशन वितरण किया जाएगा. इस नई वितरण प्रणाली से घटतौली और कालाबाजारी पर पूर्ण रोक लगने की उम्मीद है. यूपी खाद्य विभाग के अपर आयुक्त जीपी राय ने किसान तक से खास बातचीत में बताया कि इस नई तकनीक से कार्ड की यूनिट के अनुसार तराजू पर राशन रखा जाएगा तभी पर्ची निकलेगी, नहीं तो कम राशन देने या न देने पर अंगूठा लगाने के बाद भी वितरण मान्य नहीं होगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल लखनऊ, उन्नाव, कौशांबी और वाराणसी समेत 8 जिलों में इसकी शुरुआत की गई है, बाकी जिलों में मार्च से नई व्यवस्था के तहत राशन वितरित किया जाएगा.
अपर आयुक्त ने आगे बताया कि कार्डधारक हमेशा मात्रा से कम राशन व राशन न देने का आरोप कोटेदारों पर लगाते हुए अधिकारियों से शिकायत करते थे. आरोप है कि ई-पास मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद भी कोटेदार कई तरह के बहाने बनाकर राशन नहीं देते हैं या देते भी हैं तो मात्रा से कम. अब उनकी इस समस्या का समाधान होता दिख रहा है. अपर आयुक्त जीपी राय ने बताया कि ई-वीइंग मशीन से तराजू व ई-पास मशीन कनेक्ट रहेगी. कोटेदार कार्ड धारक का अंगूठा लगाने के बाद यूनिट के मात्रा अनुसार जब राशन तराजू पर रखेगा तभी पर्ची निकलेगी. वहीं तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी (SDM) द्वारा निर्धारित उचित दर दुकानों की संख्या के अनुसार ई-कांटें तथा ई-पॉस मशीनों का सुरक्षित भण्डारण किया जा रहा है. विधिक बाट-माप विभाग के निरीक्षकों द्वारा स्थल पर ई-कांटों की स्टॉम्पिंग का कार्य किया जा रहा है.
वर्तमान में ई-पॉस मशीनों के माध्यम से कार्ड धारकों की पहचान बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से सुनिश्चित करते हुए खाद्यान्न वितरण किए जाने की प्रक्रिया क्रियाशील हो जाएगी. इसके अंतर्गत नवीन ई-पॉस मशीनों के साथ ई-वेईंग स्केल का एकीकरण किया जा रहा है. नवीन व्यवस्था में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ-साथ कार्ड धारक को प्राप्त होने वाले खाद्यान्न की मात्रा की तौल भी सुनिश्चित किए जाने की योजना है. माना जा रहा है कि ई-वेईंग स्केल की क्रियाशीलता की अनुपलब्धता की दशा में वितरण संभव नहीं है. ऐसे में सफल ट्रॉजेक्शन की दशा में ई-पॉस से स्वतः रसीद प्रिंट किए जाने की भी व्यवस्था की जा रही है. पावती रसीद प्रिंट होते ही कार्डधारक को खाद्यान्न प्राप्ति के सम्बन्ध में एसएमएस चला जाएगा.
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