महाराष्ट्र में नांदेड जिला पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां किसानों को भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से हुई फसल बर्बादी पर 100 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा. यह जानकारी राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने दी है. मंत्री भरणे ने बताया कि राहत राशि ₹553.48 करोड़ की शुरुआत 22 सितंबर (सोमवार) से की जाएगी. यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो.
इसके अलावा कटाव और गाद से प्रभावित जमीनों के लिए अतिरिक्त ₹20.81 करोड़ की मंजूरी दी गई है. प्रभावित किसानों की सूची सरकार के पोर्टल पर एक विशेष अभियान के तहत अपलोड की जा रही है.
जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, नांदेड में लगभग 6,48,533 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हुई हैं. इससे लगभग 7.74 लाख किसान प्रभावित हुए हैं. 86% खरीफ क्षेत्र भारी बारिश की चपेट में आया.
इस आपदा में प्रमुख रूप से प्रभावित फसलें हैं:
राज्य सरकार ने अलग-अलग फसलों के लिए मुआवजा राशि इस प्रकार तय की है:
मंत्री भरणे ने बताया कि पहले चरण में सरकार ने जून-जुलाई में हुई फसल बर्बादी के लिए नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, हिंगोली, सोलापुर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को ₹73.54 करोड़ की राहत दी थी. अब दूसरे चरण में नांदेड के लिए राहत राशि मंजूर हुई है, और अन्य जिलों की घोषणा जल्द की जाएगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को अधिकतम सहायता पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है. इस कदम से किसानों को नई उम्मीद और राहत मिलेगी. नांदेड के किसानों को मिला यह 100% मुआवजा न केवल राहत देने वाला है, बल्कि यह राज्य सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता को भी दर्शाता है. अब अन्य जिलों के किसान भी राहत की उम्मीद कर सकते हैं.
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