प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम की 13वीं किस्त आने में अभी देर है. इसके लिए देशभर के किसान बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन, मध्य प्रदेश के 80 लाख किसानों को इसी सप्ताह खुशखबरी मिलने वाली है. मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana) के तहत तीन फरवरी को उनके बैंक अकाउंट में 2000-2000 रुपये ट्रांसफर होंगे. विदिशा में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान कार्यक्रम के जरिए सिंगल क्लिक से यह रकम सभी किसानों के पास पहुंच जाएगी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुद इस बात की जानकारी दी है.
चौहान ने कहा कि किसान कल्याण योजना की राशि 80 लाख किसानों के खातों में सिंगल क्लिक से डाली जाएगी. सभी 80 लाख किसानों का प्री-रजिस्ट्रेशन हो. साथ ही मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान में स्वीकृति-पत्रों का वितरण होगा. चौहान मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि डालने के साथ ही लाड़ली बहना योजना की जानकारी भी दी जाएगी.
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सीएम ने कहा है कि जिलों के कलेक्टर गांव-गांव में किसानों को एकत्रित करेंगे. हर गांव में कार्यक्रम सुना जाएगा. अधिकारियों को निर्देश दिए कि विदिशा में हो रहे राज्य स्तरीय कार्यक्रम में यातायात व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए और कार्यक्रम व्यवस्थित हो. कार्यक्रम की बेहतर तैयारियां की जाएं. प्रदेश किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए 25 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की शुरुआत की थी.
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को 2000-2000 रुपये की दो किस्त में हर साल 4000 रुपये दिए जाते हैं. यह पैसा पीएम किसान योजना की तरह सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर होता है. जबकि इन सभी किसानों को केंद्र द्वारा पीएम किसान स्कीम के तहत सालाना 6000 रुपये अलग से मिलते हैं. इस तरह हर साल दोनों योजनाओं के जरिए मध्य प्रदेश के हर किसान को 10,000 रुपये की डायरेक्ट मदद मिलती है.
किसान कल्याण योजना की रकम पीएम किसान स्कीम के सभी लाभार्थी किसानों को शामिल किया गया है. यानी जो किसान पीएम किसान योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं वही इस योजना का लाभ ले रहे हैं. इस तरह इस योजना के तहत पीएम किसान योजना से जुड़े प्रदेश के प्रत्येक किसान को इसका लाभ प्रदान किया जा रहा है. जो किसान मध्य प्रदेश में रहते हैं केवल वही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. भूमिहीन किसानों को इससे बाहर रखा गया है.
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