मध्य प्रदेश के किसानों को सौगात: गेहूं की खरीद पर बोनस का ऐलान, अब 2400 रुपये का मिलेगा रेट

मध्य प्रदेश के किसानों को सौगात: गेहूं की खरीद पर बोनस का ऐलान, अब 2400 रुपये का मिलेगा रेट

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने किसानों को गेहूं की बिक्री पर 125 रुपये का बोनस देने का ऐलान किया है. अब किसानों को प्रति क्विंटल 125 रुपये का बोनस दिया जाएगा. इस तरह मध्य प्रदेश के किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं का भाव 2400 रुपये मिला करेगा. पहले यह रेट 2275 रुपये था.

गेहूं की खरीद
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 11, 2024,
  • Updated Mar 11, 2024, 5:38 PM IST

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर है. अब यहां के किसानों को गेहूं का अधिक दाम मिलेगा. मध्य प्रदेश कैबिनेट ने गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने का ऐलान किया है. अभी तक किसानों को गेहूं का भाव 2275 रुपये की दर से मिल रहा था. लेकिन बोनस जुड़ने के साथ गेहूं का भाव 2400 रुपये हो गया है. यानी किसानों को इस साल गेहूं की सरकारी बिक्री पर 2400 रुपये का भाव मिलेगा. मध्य प्रदेश में गेहूं की बिक्री शुरू हो चुकी है.

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने आज कई फैसले लिए जिसमें गेहूं के एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस देने का भी फैसला शामिल है. इस फैसले में कहा गया है कि गेहूं के मौजूदा एमएसपी 2275 रुपये पर 125 रुपये का बोनस जोड़ कर दिया जाएगा. इस तरह किसानों के खाते में प्रति क्विंटल 2400 रुपये आएंगे. गेहूं किसानों के लिए यह बड़ी खबर है.

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इससे पहले और भी सरकारों ने बोनस का ऐलान किया है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इस तरह का बोनस दिया जा रहा है. उसी तरह यूपी सरकार ने गेहूं की खरीद का रेट बढ़ाने का निर्णय लिया है. राजस्थान सरकार ने हाल में इसका ऐलान किया. राजस्थान में एमएसपी को पिछले साल से 150 रुपये बढ़ाया गया है. इस साल गेहूं का एमएसपी 2275 है जिस पर राजस्थान सरकार 125 रुपये का बोनस दे रही है. इस तरह राजस्थान में 2400 रुपये के रेट पर गेहूं की खरीद हो रही है. 

MP सरकार का बड़ा फैसला

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने कुछ और बड़े फैसले लिए. इसमें कहा गया है, पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना के तहत एक हेलीकॉप्टर और एक विमान को चलाया जाएगा. आयुष्मान कार्ड धारक मरीज को बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल तक निःशुल्क पहुंचाया जाएगा. मरीज के संबंध में कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी निर्णय लेंगे.

एक और बड़े फैसले में सरकार ने बैगा, सहरिया और भारिया जैसी अति पिछड़ी जनजातियों के घरों में बिजली पहुंचाने का फैसला किया है. अगर ऐसी जनजातियों के लोग जंगलों में रह रहे हैं तो उनके घरों में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली पहुंचाई जाएगी.

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अक्सर देखा जाता है कि गरीब लोग अपने प्रियजनों के शव को अस्पताल से साइकिल और ठेले पर ले जाते हैं. इस समस्या के समाधान के लिए कैबिनेट ने निर्णय लिया कि हर जिला अस्पताल में शव परिवहन वाहन होगा. शव को निःशुल्क ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर और सीएमओ को अधिकृत किया गया है. केंद्र प्रायोजित योजना के तहत राज्य में 13 नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे. किसानों के लिए खाद और यूरिया की व्यवस्था के लिए मध्य प्रदेश मार्केटिंग संघ को नोडल एजेंसी घोषित किया गया है.

 

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