राजस्थान जैसे राज्य में अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर रहती है. ऐसे में यहां पर किसानों को आर्थिक सुरक्षा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बन जाती है. इसी दिशा में राजस्थान सरकार ने एक बेहद कारगर योजना की शुरुआत की है जिसका नाम है मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना. इस योजना का मकसद किसानों और खेतिहर मजदूरों को आपदा या दुर्घटना के समय आर्थिक मदद प्रदान करना है ताकि वे कठिन समय में आर्थिक रूप से असहाय न हों.
राज्य में खेती करने वाले किसानों, खेतिहर मजदूरों और कृषि से जुड़े कामों में लगे श्रमिकों को सरकार की तरफ से दुर्घटना के समय आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती है. अगर खेत पर काम करते समय किसी किसान की मृत्यु हो जाती है या फिर किसी अंग का नुकसान हो जाता है जो राज्य सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना का फायदा वो सभी किसान और खेतिहर मजदूर उठा सकते हैं जो राजस्थान के मूल निवासी हैं और खेती से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं.
इस योजना के तहत अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग राशि निर्धारित की गई है. उदाहरण के लिए अगर खेत में काम करते समय मृत्यु हो जाती है तो पांच लाख रुपये मिलते हैं. स्थायी अपंगता पर दो लाख रुपये, आंशिक विकलांगता पर 50,000 रुपये और गंभीर चोट लगने पर इलाज के लिए 10,000 रुपये तक मुहैया कराई जाती है. यह राशि लाभार्थी के अकाउंट में सीधे ट्रांसफर कर दी जाती है.