देश की एक बहुत बड़ी आबादी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर निर्भर है. खेती-किसानी एक ऐसा काम है जहां कभी किसानों को मौसम की मार तो कभी कीट-रोगों के प्रकोप के कारण फसल में नुकसान होता रहता है. वहीं किसानों की तकनीकी और आर्थिक मदद के लिए सरकार कई योजनाएं भी चलाती है, लेकिन कई बार इन योजनाओं का लाभ लेने में भी किसानों को कई प्रकार की समस्या आती है. इस तरह की तमाम परेशानियां किसानों पर हावी रहती हैं. कई बार तो इन समस्याओं के समाधान के लिए किसानों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं.
कई किसानों को जानकारी ही नहीं है कि इस तरह की तमाम समस्याओं का समाधान घर बैठे ही हासिल किया जा सकता है. किसानों की ऐसी ही समस्याओं के निदान के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों के लिए किसान कॉल सेंटर का हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जो पूरी तरह से फ्री है. इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके किसान अपनी हर तरह की समस्या का निदान पा सकते हैं.
किसान कॉल सेंटर की मुफ्त हेल्पलाइन सेवा 21 जनवरी 2004 को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने चालू की थी, जिसके तहत किसानों के लिए अब टोल फ्री नंबर 18001801551 जारी किया गया है. यहां कॉल करने पर किसान का कोई चार्ज नहीं लगेगा. इतना ही नहीं, इस नंबर पर करीब 22 भाषाओं में किसानों को जानकारी मुहैया करवाई जाएगी जो किसानों के लिए काफी सुविधाजनक होगा. यदि किसानों को खेती, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, कृषि कार्यों में या फिर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कोई समस्या आ रही तो बेझिझक कॉल करके अपने परेशानियों का समाधान हासिल कर सकते हैं.
सरकार द्वारा जारी इस किसान कॉल सेंटर पर स्थानीय मौसम की जानकारी भी दी जाती है. इसके लिए देश में करीब 13 किसान कॉल सेंटर बनाए गए हैं जहां किसानों की समस्या के समाधान के लिए करीब 113 से अधिक कृषि विशेषज्ञ कार्य करते हैं. किसान कॉल सेंटर की ब्रांच दिल्ली, मुंबई, कानपुर, कोचीन, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, चंड़ीगढ़, जयपुर, इंदौर, कोलकाता, अहमदाबाद में बनाई गई है.
अगर आप किसान हैं और आपको खेती-किसानी के बारे में कुछ जानकारी लेनी है तो आप सबसे पहले किसान कॉल सेंटर के हेल्पलाइन नंबर- 18001801551 पर कॉल लगाएं, उसके बाद फोन पर राज्य का नाम पूछा जाएगा. फोन पर मौजूद एजेंट आपका नाम, जिला और ब्लॉक पूछेगा. उसके बाद आफकों अपना सवाल पूछना होगा. यदि समस्या गंभीर है तो एजेंट आपको उच्च अधिकारी से बात कराएगा. जिसमें राज्य कृषि विभाग से लेकर भारतीय कृषि अनुसंधान के विशेषज्ञ तक शामिल होते हैं. किसान चाहें तो सुबह 6 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक अपनी समस्याओं का समाधान यहां पा सकते हैं.
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