हिमाचल प्रदेश में मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा, सरकार खर्च करेगी 22 करोड़ रुपये

हिमाचल प्रदेश में मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा, सरकार खर्च करेगी 22 करोड़ रुपये

एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 22.66 करोड़ रुपये के निवेश करेगी. साथ ही मछली पालन क्षेत्र के आधुनिक बनाने और विस्तार देने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है.

मछलियों को कितना दें खानामछलियों को कितना दें खाना
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 12, 2024,
  • Updated Aug 12, 2024, 5:33 PM IST

अगर आप हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं और मछली पालन करना चाहते हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. राज्य की कांग्रेस सरकार प्रदेश में मछली पालन का बढ़ावा देने जा रही है. इसके लिए करोड़ों रुपये मछली पालन पर खर्च करेगी. उसे उम्मीद है कि इससे राज्य में मछली का उत्पादन बढ़ जाएगा. साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा. ऐसे जनवरी 2023 से जून 2024 तक राज्य में लगभग 21,000 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हुआ है.

एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 22.66 करोड़ रुपये के निवेश करेगी. साथ ही मछली पालन क्षेत्र के आधुनिक बनाने और विस्तार देने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इनमें 258 नई ट्राउट इकाइयां, 20 मछली पालन कियोस्क, छह मछली चारा संयंत्र (बड़े और छोटे दोनों), 47 बायोफ्लोक इकाइयां, दो कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं, दो बर्फ कारखाने, चार री-सर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम, दो सजावटी मछली इकाइयां और निजी क्षेत्र में चार कार्यशील ट्राउट हैचरी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि 25 हेक्टेयर में नए तालाब बनाए जा रहे हैं. 

ये भी पढ़ें-  हाईवे ट्रैक्टर पार्किंग के लिए नहीं...शंभू बॉर्डर पर SC की सख्त टिप्पणी, एक लेन खोलने का आदेश दिया

1.92 लाख किसानों के लिए वरदान साबित

वहीं, कल खबर सामने आई थी कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने कृषि के क्षेत्र में एक नया कदम बढ़ाते हुए हिम-उन्नति योजना की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य पूरे राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है. इसके लिए 150 करोड़ रुपये आवंटि‍त किए गए हैं. योजना लगभग 1.92 लाख किसानों के लिए वरदान साबित होगी, जो पहले से ही 32,149 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर रसायन मुक्त खेती कर रहे हैं.योजना क्लस्टर आधारित विकास मॉडल के माध्यम से कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहेगी.

छोटे किसानों को संगठित करेगी सरकार

हिम-उन्नति के तहत सरकार छोटे किसानों को संगठित करेगी, ताकि वे थोक उत्पादन कर सकें और बेचने के लिए उत्‍पाद की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित कर सकें. यह इनिश‍िएटिव पहले से चल रही विभिन्न कृषि योजनाओं को भी एकीकृत करेगा और योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन और ग्रामीण विकास जैसे विभागों के साथ समन्वय करेगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्‍खू ने कहा कि इस योजना से विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों, महिला किसानों और अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवारों सहित समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को लाभ होगा. 

ये भी पढ़ें-  Onion Price: इस मंडी में 7000 रुपये क्विंटल हुआ प्याज का भाव, बाकी मंडियों के देखें रेट्स

 

MORE NEWS

Read more!