e-NAM प्लेटफॉर्म को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने कहा है कि अब ई-नाम प्लेटफॉर्म पर लॉजिस्टिक सर्विस यानी माल की खरीदारी से लेकर उसकी ढुलाई आदि की सेवा भी दी जाएगी. इसी प्लेटफॉर्म पर व्यापारी अब मालों की ढुलाई जैसी सेवा के लिए भी अप्लाई कर सकेंगे. अभी तक यह बड़ी समस्या आ रही थी क्योंकि दो मंडियों के बीच या दो राज्यों की मंडियो के बीच लॉजिस्टिक सर्विस की समस्या बड़ी थी. इसे सुलझाने की मांग की जा रही थी जिसे लेकर सरकार ने घोषणा कर दी है. इसकी जानकारी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद संसद में दी है.
कृषि मंत्री ने राज्यसभा को एक लिखित जवाब में बताया कि दिसंबर 2024 तक ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 65.48 करोड़ रुपये का 23,121 टन का अंतर-राज्यीय व्यापार (इंटर स्टेट ट्रेड) दर्ज किया गया है. चौहान ने कहा कि कृषि मार्केटिंग राज्य का विषय है और कृषि उपज मंडी समितियों (APMC) को संबंधित राज्य कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम के जरिये रेगुलेट किया जाता है.
ऑनलाइन अंतर-राज्यीय व्यापार के लिए अन्य राज्यों के व्यापार लाइसेंसों को मान्यता देने के लिए प्रावधानों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आठ राज्यों - गुजरात, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, झारखंड, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा - ने अपने एपीएमसी अधिनियमों/नियमों में जरूरी प्रावधानों को शामिल किया है.
तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश अंतर-राज्यीय व्यापार पर प्रतिबंध नहीं लगाते हैं. मंत्री ने कहा, "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि ई-नाम के तहत अंतर-राज्यीय और अंतर-मंडी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लॉजिस्टिक्स एक बड़ी बाधा बनी हुई है, सरकार ने ई-नाम प्लेटफॉर्म को ई-नाम 2.0 के रूप में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है."
ई-नाम प्लेटफॉर्म को अधिक यूजर फ्रेंडली, आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए ओपन-नेटवर्क के अनुरूप बनाया जाएगा. ई-नाम 2.0 की मुख्य विशेषताएं बैंक खाता वेरिफिकेशन, आधार का उपयोग करके ईकेवाईसी सुविधाएं और जांच, लॉजिस्टिक्स और अन्य सेवाएं ऑनबोर्डिंग होंगी. चौहान ने कहा, "यह पहल लॉजिस्टिक्स की चुनौती का समाधान करेगी और इससे व्यापार में तेजी आएगी, बर्बादी कम होगी और किसानों की आय बेहतर होगी."
राज्य सभा में पूछे गए पूरक प्रश्नों के उत्तर में चौहान ने कहा, "प्रधानमंत्री एक दूरदर्शी नेता हैं और उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता कृषि का विकास और किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है." इस सुविधा को उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि ई-नाम प्लेटफॉर्म किसानों के लिए वरदान है, क्योंकि इस नए राष्ट्रीय कृषि बाजार में किसान देश में कहीं भी अपनी उपज ऑनलाइन बेच सकते हैं. उन्होंने कहा कि ई-नाम प्लेटफॉर्म पर 1.78 लाख किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.