अगले साल अप्रैल-मई में आम चुनाव होंगे. उससे पहले सरकार फ्री राशन स्कीम को अगले छह महीने तक बढ़ा सकती है. अगर ऐसा होता है तो जून 2024 तक देश के गरीबों को फ्री राशन की सुविधा मिलेगी. एक अंग्रेजी अखबार में यह रिपोर्ट दी गई है. रिपोर्ट में कहती है कि फ्री राशन स्कीम (Free Ration) से देश के 80 करोड़ लोगों को फायदा होगा. इसके साथ ही किसानों को भी फायदा होगा क्योंकि किसानों से खरीदे गए अनाज ही सरकार फ्री राशन स्कीम में इस्तेमाल करती है. खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP पर अनाज खरीदती है और उसे जरूरतमंदों को अलग-अलग स्कीमों में बांटती है. इससे लाभार्थी के साथ-साथ किसानों को भी फायदा होता है.
'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सरकार अगले छह महीने के लिए फ्री राशन स्कीम को बढ़ाती है तो इससे 12,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. फ्री राशन की इस स्कीम में सरकार गरीबों को तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं मुफ्त देती है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मुताबिक, सरकार प्रति व्यक्ति प्रति महीने पांच किलो गेहूं और चावल देती है. वहीं, अंत्योदय योजना के लाभार्थियों को हर महीने 35 किलो अनाज दिया जाता है.
पिछले साल सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानी कि PMGKAY को बंद कर दिया था जिसके तहत लाभार्थियों को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल दिया जाता था. इस योजना के अंतर्गत देश के 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन स्कीम के अतिरिक्त पांच किलो गेहूं या चावल दिया जाता था. बाद में सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया लेकिन अन्य स्कीमों के साथ पांच किलो गेहूं या चावल के वितरण को जारी रखा. इस योजना पर सरकार 1.6-1.7 खरब रुपये खर्च करती थी जिसे कोरोना महामारी को देखते हुए 2020 में शुरू किया गया था.
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को बंद करते हुए सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं मुफ्त देने का काम जारी रखा है. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार जून 2024 तक इस फ्री राशन स्कीम को जारी रख सकती है. इस पर सरकार को 12,500 करोड़ रुपये का खर्च करना होगा. सरकारी खर्च के लिहाज से इस कदम को उचित माना जा रहा है क्योंकि गरीब कल्याण अन्न योजना में सरकार को अरबों रुपये खर्च करने होते थे जबकि वही काम कम खर्च में सरकार आसानी से पूरा कर सकती है.
सरकार फ्री राशन स्कीम के लिए किसानों से अनाज खरीदती है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराने के लिए अपनी एजेंसियों के माध्यम से अनाज खरीदती है. इसमें फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी कि FCI न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से अनाज खरीदता है. फिर वही अनाज लाभार्थियों को फ्री राशन स्कीम में दिया जाता है. ऐसे में लाभार्थियों को अनाज वितरण के लिए किसानों से इसकी खरीद की जाएगी जिससे किसानों की इनकम बढ़ेगी.
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