पानी की कमी से जूझ रहे हरियाणा ने इस बार विशेष तौर पर धान की सीधी बिजाई पर फोकस करने का फैसला किया है. इसे तकनीकी तौर पर डीएसआर (Direct Seeding of Rice) बोलते हैं. जिसमें धान की रोपाई के मुकाबले 25 से 35 फीसदी तक कम पानी खर्च होता है. इसे प्रमोट करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए डीएसआर मशीन पर 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा. यह प्रमुख धान उत्पादक राज्य है. जहां गैर बासमती धान की खेती को हतोत्साहित किया जा रहा है ताकि भू-जल दोहन कम हो. इसके लिए धान की खेती छोड़ने पर 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जा रहा है. लेकिन जो लोग इसकी खेती करना चाहते हैं उनके लिए बोला जा रहा है कि आप उसका तौर-तरीका बदल दें.
कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि विभाग द्वारा डीएसआर मशीन पर 40 प्रतिशत अर्थात अधिकतम 40 हज़ार रुपए प्रति मशीन की दर से सब्सिडी जाएगी. यह सब्सिडी इस साल 500 मशीनों पर दी जाएगी. मशीन से धान की खेती करने पर पानी, पैसा और समय की बचत होती है. इस मशीन से धान की खेती करने पर धान की नर्सरी लगाने की जरूरत नहीं होती. इस मशीन को ट्रैक्टर की सहायता से चलाया जाता है.
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कृषि विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के 12 जिलों के किसान इस मशीन पर सब्सिडी पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसमें अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल , पानीपत, सोनीपत, जींद, हिसार, सिरसा, रोहतक एवं फतेहाबाद शामिल हैं . लाभार्थियों का चयन संबंधित जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा किया जाएगा. चयन के बाद किसान अधिकृत निर्माताओं से मोल-भाव कर अपनी पसंद के निर्माता से मशीन खरीद सकते हैं.
यह धान की नर्सरी से रोपाई करने की बजाय सीधे खेत में बीज द्वारा फसल बुआई की एक विधि है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह के मुताबिक धान की सीधी बुवाई में खेत की बार-बार जुताई नहीं करनी पड़ती. जिससे सूक्ष्मजीवों को लाभ पहुंचता है. लेकिन किसानों को ध्यान रखना होगा कि सीधी बिजाई के लिए खेत का समतल होना आवश्यक है.
प्रवक्ता ने बताया कि इस मशीन को खरीदने के लिए इच्छुक किसान और बेचने के इच्छुक कृषि यंत्र निर्माता वेरिफिकेशन के लिए विभागीय पोर्टल agriharyana.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि लाभार्थियों का चयन " पहले आओ - पहले पाओ " के आधार पर किया जाएगा. क्योंकि सिर्फ पांच सौ मशीनों पर ही सब्सिडी दी जानी है. अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर या जिला के कृषि उप निदेशक और सहायक कृषि अभियंता से संपर्क कर सकते हैं.
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