Drip Irrigation: इस तकनीक से सिंचाई करने पर बढ़ जाएगी पैदावार, सरकार भी देगी 80 प्रतिशत सब्सिडी

Drip Irrigation: इस तकनीक से सिंचाई करने पर बढ़ जाएगी पैदावार, सरकार भी देगी 80 प्रतिशत सब्सिडी

ड्रिप इरिगेशन फसलों की सिंचाई करने की एक मॉडर्न पद्धति है. इस पद्धति के तहत पानी को पौधों की जड़ों तक बूंद- बूंद करके पहुंचाया जाता है. इससे जल का दोहन नहीं होता है. साथ ही हरेक पौधों को प्रयाप्त मात्रा में पानी भी मिल जाता है. वहीं, फसलों की पैदावार भी बढ़ जाती है.

ड्रिप इरिगेशन सिस्टम पर सरकार दे रही है सब्सिडी. (सांकेतिक फोटो)ड्रिप इरिगेशन सिस्टम पर सरकार दे रही है सब्सिडी. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 14, 2023,
  • Updated Nov 14, 2023, 1:18 PM IST

बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है. यहां पर 80 प्रतिशत से अधिक अबादी की आजीविक कृषि पर ही निर्भर है. राज्य में किसान धान, गेहूं, सरसों और दलहन के साथ- साथ बगवानी फसलों की भी खेती करते हैं. लेकिन प्रदेश के सभी अंचल और पंचायतों में अभी तक सिंचाई के लिए नहर नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में अधिकांश किसान ट्यूबवेल से ही फसलों की सिंचाई करते हैं. इससे भूजल स्तर भी तेजी के साथ नीचे जा रहा है. साथ ही पानी की बर्बादी भी अधिक हो रही है. इन्हीं परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार ने सुक्ष्म सिंचाई योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत सरकार पूरे प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा देना चाहती है, ताकि किसान ट्यूबवेल से फसलों की सिंचाई करने के बजाए ड्रिप तकनीक का इस्तेमाल करें.

खास बात यह है कि राज्य सरकार सुक्ष्म सिंचाई योजना के तहत किसानों को सब्सिडी भी दे रही है. अगर किसान अपने खेत में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाना चाहते हैं, तो उन्हें उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. अगर किसान योजना से संबंधित अधिक जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो वे अपने जिले के सहायक उद्यान निदेशक से सम्पर्क भी कर सकते हैं. सहायक उद्यान निदेशक से आपको योजना को लेकर डिटेल्स में सारी जानकारी मिल जाएगी.

बढ़ जाती है फसलों की पैदावार

उद्यान विभाग सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है. अगर आप लघु या सीमांत किसान के कैटेगरी में नहीं आते हैं, तो आपको 70 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि सरकार हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाना चाहती है. सरकार का प्लान है कि सिंचाई के अभाव में फसल की बर्बादी नहीं होनी चाहिए. साथ ही भूजल का दोहन भी ज्यादा न हो. इसी लिए इस योजना को शुरू किया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि ड्रिप विधि से सिंचाई करने पर फसलों की पैदावार भी बढ़ जाती है.

ये भी पढ़ें- Agriculture News Live: धुंध की चादर में लिपटी है दिल्ली, प्रदूषण कम करने के लिए आज से होगी वाटर स्प्रिंक्लिंग कैंपेन की शुरुआत

क्या है ड्रिप इरिगेशन सिस्टम

ड्रिप इरिगेशन फसलों की सिंचाई करने की एक मॉडर्न पद्धति है. इस पद्धति के तहत पानी को पौधों की जड़ों तक बूंद- बूंद करके पहुंचाया जाता है. इससे जल का दोहन भी नहीं होता है. साथ ही हरेक पौधों को प्रयाप्त मात्रा में पानी मिल जाता है. इससे फसलों की पैदावार भी बढ़ जाती है. खास बात यह है कि ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को चलाने के लिए किसानों को ट्रेनिंग देनी पड़ती है. किसानों का कहना है कि इस विधि से सिंचाई करने पर पैसों के साथ-साथ समय की भी बचत हो रही है. इससे उनकी कमाई भी बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें- महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत, खुदरा मुद्रास्फीति दर घटकर 4.87 फीसदी हो गई, रूरल इनफ्लेशन भी नीचे खिसकी

 

MORE NEWS

Read more!