देश में किसानों की बेहतर आय के लिए सरकार की ओर से किसानों को हमेशा प्रोत्साहित किया जाता है. इसके लिए सरकार द्वारा आए दिन नई-नई योजनाएं चलाई जाती हैं. इसी प्रकार बिहार सरकार किसानों के लिए फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती को लेकर बढ़ावा दे रही है. इससे न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण को भी बचाया जाएगा. वहीं इस योजना के तहत किसानों को लेमनग्रास, पामारोजा, शतावरी, तुलसी, और खस जैसे औषधीय पौधों को लगाने के लिए बिहार सरकार सब्सिडी दे रही है.
इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इस फसल विविधीकरण योजना के तहत राज्य के 09 जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं, जिसकी शुरुआत 22 जनवरी से हो गई है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे दी गई डिटेल को पढ़ें.
बिहार कृषि विभाग की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक, फसल विविधीकरण योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती करने के लिए सरकार 50 फीसदी की सब्सिडी दे रही है. इसके तहत किसान को लेमनग्रास, पामारोजा, शतावरी, तुलसी, और खस के पौधे लगाने पर डेढ़ लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के इकाई लागत का 50 फीसदी यानी 75,000 रुपये दिया जाएगा. ये राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी. इसके अलावा इसमें किसानों को कम से कम 01 हेक्टेयर से लेकर 04 हेक्टेयर में खेती करने पर सब्सिडी दी जाएगी.
बिहार के 09 जिलों के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसमें गया, जमुई, और नवादा जिले के किसानों को लेमनग्रास, पामारोजा, शतावरी, तुलसी की खेती पर सब्सिडी दिया जा रहा है. वहीं 06 जिले पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सुपौल, सहरसा, खगडिया और वैशाली के किसानों को खस के पौधे लगाने पर सब्सिडी दिया जाएगा. शामिल हैं. 22 जनवरी 2024 से योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना शुरू हो गया है.
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यदि आप बिहार के इन 09 जिलों के निवासी हैं तो और आप सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती करना चाहते हैं, तो आप इस योजना के लिए सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ऑफिशियल वेबसाइट लिंक पर विजिट कर सकते हैं. वहीं इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान अपने जिले के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से भी संपर्क कर सकते हैं.