किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ देंगी 10 हजार M-PACS, डेयरी और फिश समितियां भी शुरू 

किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ देंगी 10 हजार M-PACS, डेयरी और फिश समितियां भी शुरू 

सहकारिता मंत्रालय हर पंचायत में सहकारी समितियों को स्थापित कर रहा है. इससे स्थानीय स्तर पर विकास और आत्मनिर्भरता के अवसर उपलब्ध हो सकें. नए M-PACS के गठन से ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता से जुड़ी संस्थाओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा.

गृह मंत्री ने किसानों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और माइक्रो ATM भी सौंपे. गृह मंत्री ने किसानों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और माइक्रो ATM भी सौंपे.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 25, 2024,
  • Updated Dec 25, 2024, 4:12 PM IST

ग्रामीण क्षेत्र में खाद-बीज, दवा और वित्तीय सेवाओं समेत सरकारी योजनाओं को तेजी से लोगों तक पहुंचाने के लिए 10 हजार मल्टीपरपज पैक्स का गठन किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने इन 10 हजार बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के साथ डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का उद्घाटन किया. यह समितियां किसानों और ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी. वर्तमान ने पैक्स के जरिए 24 तरह की सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं. गृह मंत्री ने किसानों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और माइक्रो ATM भी सौंपे. 

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज 25 दिसंबर को ICAR कन्वेंशन सेंटर, पूसा में कहा कि मल्टीपरपज पैक्स के जरिए ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ तेज और आसान तरीके से पहुंचाया जा रहा है. यह पैक्स ग्रामीण भारत के विकास को रफ्तार देने में बड़ी भूमिका निभाने वाली हैं. राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से M-PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों सहित लगभग 1200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. 

गृह मंत्री ने राष्ट्रीय सम्मेलन में 10,000 से अधिक नवनिर्मित मल्टीपरपज प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (M-PACS) के साथ ही डेयरी और मत्स्य पालन समितियां राष्ट्र को समर्पित कर दीं. इसके साथ ही उन्होंने नवगठित सहकारी समितियों को पंजीकरण प्रमाणपत्र, किसानों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और माइक्रो ATM भी सौंपे. ये वित्तीय उपकरण पंचायतों को क्रेडिट सेवाओं तक आसान पहुंच उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इससे ग्रामीण आबादी योजनाओं का लाभ उठा सके और राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में भाग ले सके. 

सहकारिता मंत्रालय हर पंचायत में सहकारी समितियों को स्थापित कर रहा है. इससे स्थानीय स्तर पर विकास और आत्मनिर्भरता के अवसर उपलब्ध हो सकें. नए M-PACS के गठन से ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता से जुड़ी संस्थाओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा. नवनिर्मित बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी सहकारी और मत्स्य सहकारी समितियों में ऋण वितरक संस्था, डेयरी समितियां और मत्स्य पालन समितियां भी शामिल की गई हैं.

महिला नेतृत्व वाली पंचायतों को मजबूत करने पर जोर 

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारी समितियों को स्थानीय लोगों खासकर महिला-नेतृत्व वाली पंचायतों को मजबूत बनाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के वित्तीय समावेशन, ग्रामीण कृषि और कुटीर उद्योग  के विकास, रोजगार सृजन और नारी एवं सामाजिक मजबूती का मुख्य जरिया है. 

6288 डेयरी और 685 मत्स्य समितियां बनीं 

आगामी 5 वर्षों में देश की हर पंचायत में एक सहकारी संस्था की स्थापना करने का टारगेट है. इसको पूरा करने के लिए सितंबर 2024 में मल्टीपरपज पैक्स का गठन किया जा रहा है. अब तक नए 10,496 बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियों में से 3523 M-PACS और 6288 डेयरी सहकारी समितियां रजिस्टर हो चुकी हैं. इसके अलावा मत्स्य पालन की 685 नई सहकारी समितियों का भी पंजीकरण हुआ है.

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