केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कर्नाटक के मंड्या में एक मेगा डेयरी प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया. इस प्रोजेक्ट को मंड्या स्थित मंड्या डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन लिमिटेड संचालित कर रहा है. अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के लिए अलग से सहकारिया मंत्रालय बनाकर किसानों की प्रगति की राह आसान की है. उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के तुरंत बाद कृषि मंत्रालय से अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने की मांग हो रही थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. मौजूदा सरकार ने यह काम किया है जिससे किसानों के लिए प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो रहा है.
अमित शाह ने कहा, इस मंच से मैं कोऑपरेटिव कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि उनके साथ कोई अन्याय नहीं होगा. ये भारत सरकार का निर्णय है. शाह ने बताया कि मंड्या में जिस मेगा डेयरी प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया है उसका सिविल वर्क 73 करोड़ रुपये का है. प्लांट और मशीनरी पर 188 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. कुल 260 करोड़ रुपये की लागत से मंड्या डेयरी प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है.
मंड्या में शुरू हुए इस डेयरी प्रोजेक्ट में हर दिन 10 लाख लीटर दूध का प्रोसेसिंग होगा. भविष्य में इसे बढ़ाकर 14 लाख लीटर तक ले जाने की योजना है. दूध के इस प्रोसेसिंग के बिजनेस से मंड्या आसपास के लाखों किसानों को फायदा होगा. शाह ने कहा कि कर्नाटक आज उन राज्यों में शामिल है जहां डेयरी प्रोजेक्ट बहुत अच्छे से काम रहा है. आज कर्नाटक में 52210 ग्रामीण स्तर की दूध से जुड़ी सहकारी संस्थाएं चल रही हैं. इन सभी सहकारी संस्थाओं में 26 लाख से अधिक किसान अपना दूध दे रहे हैं.
केंद्रीय सहकारी मंत्री अमित शाह ने कहा, सन 1975 में कर्नाटक में 6 हजार किलो दूध प्रोसेस किया जा रहा था. इसकी जगह आज हर दिन 82 लाख किलो दूध प्रोसेस किया जा रहा है. मिल्क फेडरेशन का टर्नओवर उस समय केवल 4 करोड़ रुपये था जो बढ़कर 25 हजार करोड़ रुपये हो गया है. किसानों के दूध का पैसा उनके बैंक अकाउंट में जमा कराया जाता है. उन्होंने कहा कि अमूल और नंदिनी डेयरी मिलकर कर्नाटक के हर गांव में प्राइमरी डेयरी की स्थापना कर सकते हैं. अगले तीन साल में कर्नाटक का एक भी ऐसा गांव नहीं होगा जहां एक भी प्राइमरी डेयरी न हो.
कर्नाटक के गांवों में प्राइमरी डेयरी की स्थापना एनडीडीबी और भारत सरकार का सहकारी मंत्रालय मिल कर करेंगे. सरकार ने इसके लिए पूरे तीन साल की कार्ययोजना तैयार कर ली है. अगले तीन साल में देश भर के किसानों को प्राइमरी डेयरी से जोड़कर भारत श्वेत क्रांति के क्षेत्र में बड़ा निर्यातक बनेगा. कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को अमूल का सहयोग और सहकारी मंत्रालय का सहयोग मिलता रहेगा.
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अमित शाह ने कहा, कर्नाटक की बोम्मई सरकार ने डीबीटी के माध्यम से प्रति वर्ष किसानों के खाते में 1250 करोड़ रुपये जमा कर दूध उत्पादन करने वाले किसानों की बड़ी मदद की है. कर्नाटक सरकार स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों के लिए दूध का वितरण भी करती है.