राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत नया उद्यम लगाने पर मिल रही 50 प्रतिशत सब्सिडी

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत नया उद्यम लगाने पर मिल रही 50 प्रतिशत सब्सिडी

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत मुर्गी, भेड़, सुअर पालन या चारे संबंधी कोई उद्योग लगाने पर आवेदक को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है. इससे ना सिर्फ राजस्थान के पशुपालक बल्कि दूसरे राज्यों से भी बिजनेस यूनिट लगाने के लिए लोग आवेदन कर रहे हैं.

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत उद्यमिता विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय बैठक में मौजूद पशुपालन विभाग के अधिकारी. फोटो- DIPRराष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत उद्यमिता विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय बैठक में मौजूद पशुपालन विभाग के अधिकारी. फोटो- DIPR
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Apr 21, 2023,
  • Updated Apr 21, 2023, 12:37 PM IST

क्या आप मुर्गी, भेड़, सुअर पालन या चारे संबंधी कोई उद्योग खड़ा करना चाहते हैं? अगर हां तो सरकार इस काम में आपकी मदद कर रही है. यह मदद राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत दिया जा रहा है. इसमें आवेदक को लागत का 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. राष्ट्रीय पशुधन मिशन केन्द्र सरकार की ओर से लागू की गई योजना है. इसमें दिया जाने वाला अनुदान सिडबी द्वारा दो बराबर किश्तों में दिया जाता है. वहीं, अनुदान की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए से 50 लाख रुपए तक है. यह सब्सिडी मुर्गीपालन, भेड़ बकरी पालन, शूकर पालन एवं चारा उद्यम स्थापित करने के लिए दिया जा रहा है. 

मिशन के तहत उद्यमिता विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय बैठक 

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत पशुपालन विभाग कैंपस में उद्यमिता विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय बैठक आयोजित हुई. इसमें पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में न केवल युवा बल्कि महिलाएं भी स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष रूचि ले रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में पशुपालन के क्षेत्र में सकारात्मक परिस्थितियों के चलते अन्य राज्यों के बिजनेसमैन भी राज्य में यूनिट लगाने में रुचि ले रहे हैं. साथ ही इस काम में राजस्थान सरकार की पशुपालन क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं का भी सहयोग मिल रहा है.

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कुणाल राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने उद्यमिता विकास कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी प्राप्त की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नए उद्यम स्थापित करने के लिए आ रहे आवेदनों की गहनता से जांच की जाए. साथ ही जल्द से जल्द लंबित मामलों का निपटारा किया जाए. ताकि बेरोजगार आवेदकों को रोजगार मिले और प्रदेश में उन्नत पशुधन  में वृद्धि करने का कार्य कर सकें.

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उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में विकसित होते उद्यम से राज्य में पशुपालक सशक्त हो  रहे हैं. साथ ही इससे किसानों और पशुपालकों की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है. उपनिदेशक बृजमोहन गोयल ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत किये जा रहे कार्यों की प्रगति का प्रजेन्टेशन दिया. उन्होंने बताया कि पशुपालकों की ओर से बकरी पालन, भेड़ पालन के साथ मुर्गी पालन जैसे क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे है. विभाग इन आवेदनों की जांच कर जल्दी फाइल क्लीयर कर रहा है. 

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