तकनीकी किसानी को रोजाना बदल रही है. किसान खेतों में प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे में हर चीज बिजली से चलती है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो हम पाते हैं कि बीते एक दशक में कृषि क्षेत्र में बिजली की डिमांड बहुत बढ़ी है. इससे सरकार पर अतिरिक्त सप्लाई का लोड बढ़ा है. बारिश ना होने की स्थिति में बिजली की डिमांड यकायक बढ़ जाती है. ऐसा राजस्थान में इसी महीने हुआ था. जब किसानों ने सिंचाई के लिए बिजली मांगी. इससे प्रदेश में बिजली कटौती हुई. उद्योगों के साथ-साथ किसानों को भी पूरी बिजली नहीं मिली. इसीलिए किसानों के साथ-साथ सरकार भी चाहती है कि बिजली के पारंपरिक स्त्रोतों के साथ-साथ वैकल्पिक तरीके भी तलाशे जाएं. इसके लिए किसानों को सौर ऊर्जा पंप स्थापित करने के लिए सरकारों ने किसानों के सब्सिडी देना शुरू किया.
सौर ऊर्जा का फायदा यह होता है कि किसानों को बिजली की उपलब्धता पर निर्भर नहीं होना पड़ता. यही कारण है कि राजस्थान देश में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के मामले में पहले पायदान पर है.
किसानों के खेतों में सोलर प्लांट स्थापित करने के मामले में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है. आंकड़े भी यही तस्दीक करते हैं. सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत पिछले साढ़े चार साल में 62,690 किसानों के यहां सोलर सिस्टम स्थापित किए हैं. इन किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 1167.52 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है. साल 2018-19 (दिसम्बर से) प्रदेश में 3,462 किसानों को 70.30 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है.
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इसी तरह साल 2019-20 में 10,004 किसानों को 57.81 करोड़ रुपये, साल 2020-21 में 13,880 किसानों को 133.39 करोड़ रुपये की सब्सिडी सोलर प्लांट लगाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से मिली है. इसी तरह साल 2021-22 में 10 हजार किसानों को 320.41 करोड़ रुपये और वर्ष 2022-23 में अब तक 25,277 किसानों को 518.61 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है. वहीं, इस साल 31 मई तक 67 किसानों को 67 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है.
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किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की उपलब्धता पर निर्भर नहीं रहना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार ने यह योजना शुरू की थी. इसके तहत किसानों को खेतों में सोलर पंप लगाने के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. साथ ही राज्य सरकार प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 45 हजार रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देती है.
वही, जनजातीय उप-योजना क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों के किसानों को 3 व 5 एच.पी क्षमता के सौर पंप संयंत्र पर सौ फीसदी अनुदान देने का प्रावधान योजना में किया गया है.