राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट शुक्रवार को पेश किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खेती-किसानी से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं की. बजट में कृषि से संबंधित 1,84311.57 करोड़ रुपये की घोषणाएं की गईं. इस राशि को मुख्य 11 क्षेत्रों में उपयोग लिया जाएगा. इसमें कृषि विभाग के लिए 3306.87 करोड़, उद्यानिकी विभाग के लिए 1211.12 करोड़, पांच कृषि विश्वविद्यालयों के लिए 469.47 करोड़, कृषि विपणन के लिए 461.72 करोड़, पशुपालन विभाग के लिए 707.30 करोड़ रुपये, गोपालन विभाग के लिए 1787.42 करोड़ रुपये और सहकारिता के लिए 1483.75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
मुख्य घोषणाओं में ईआरसीपी को 13800 करोड़ रुपये, किसानों को फ्री बिजली, भूमिहीन किसानों को आर्थिक सहायता, कामधेनु योजना का विस्तार और पांच कृषि यूनिवर्सिटी खोलने जैसी कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं. इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए लगभग 41 घोषणाएं की गई हैं. अब विस्तार से समझिए कि कृषि के लिए अलग से बजट पेश करने वाले राजस्थान में मुख्यमंत्री के पिटारे से खेती-किसानी के लिए क्या कुछ निकला.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के लिए 13,800 करोड़ रुपये की घोषणा की है. यह योजना 37 हजार करोड़ रुपए से अधिक की योजना है. राज्य सरकार इस योजना में पिछले बजट तक करीब 10 हजार करोड़ रुपये दे चुकी है. इस बार की बजट घोषणा से करीब 24 हजार करोड़ रुपये इस योजना को मिल चुके हैं.
राजस्थान सरकार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग केन्द्र से कर रही है. अगर यह राष्ट्रीय परियोजना घोषित होती है तो केन्द्र का खर्च हिस्सा 90 और राज्य का 10 प्रतिशत होगा.
अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल के आखिरी बजट में किसानों को लेकर एक बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि वे दो हजार यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा करते हैं. इससे करीब 11 लाख किसानों का फायदा होगा. मुख्यमंत्री ने सीमांत और कमजोर वर्ग के किसानों के लिए किसान लोन राहत अधिनियम को लागू करने की घोषणा भी की.
इसे साथ ही कृषि कल्याण कोष में 50 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान गहलोत ने किया. अब कृषि कल्याण कोष 7500 करोड़ रुपये का होगा. इसके अलावा संरक्षित खेती के लिए अगले दो साल में एक हजार करोड़ रुपये और अगले साल तक एक लाख किसानों को तारबंदी योजना में सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही किसानों को तीन हजार करोड़ रुपये का ब्याज रहित लोन दिया जाएगा. वहीं, राजस्थान में फसल खराबा होने पर गिरदावरी अब ऑनलाइन होगी.
सीएम गहलोत ने पिछले साल पशुओं में फैली लंपी बीमारी से मरी गायों के मालिकों को मुआवजा राशि देने की घोषणा की है. इस घोषणा के तहत जिन पशुपालकों की गाय लंपी में मरी हैं उन्हें 40 हजार रुपये प्रति गाय के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा.
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इसके साथ ही कृषि यंत्र संरक्षण के लिए एक लाख युवा किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. वहीं, पांच लाख भूमिहीन किसानों को प्रति परिवार पांच हजार रुपये दिए जाएंगे. सीएम गहलोत ने कहा कि एक लाख किसानों को कृषि यंत्र दिए जाएंगे और कस्टम हायरिंग सेंटर पर युवाओं को ड्रोन के लिए सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा प्रदेशभर में सात कृषि महाविद्यालय खोलने, एसएसपी, डीएपी के नए प्लांट खोलने, जयपुर और जोधपुर में ऑर्गेनिक फार्म खोलने की घोषणा की गई.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि नंदी शालाओं पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. नंदी शालाओं में अनुदान की अवधि बढ़ाकर 12 महीने करने की घोषणा भी की गई. इसके साथ ही बजट 2023 में पशुमित्र योजना लागू करने का ऐलान किया गया है. इसके अलावा RCDF के जरिए 10 हजार नए सरस पार्लर खोलने और वागड़ क्षेत्र में बांसवाड़ा की डेयरी फिर शुरू करने की घोषणा की गई.