Rajasthan: ईआरसीपी में जोड़े जाएंगे 53 बांध, कितने किसानों को होगा फायदा? 

Rajasthan: ईआरसीपी में जोड़े जाएंगे 53 बांध, कितने किसानों को होगा फायदा? 

जयपुर के खाली पड़े बांध को ईआरसीपी के तहत बनाए ईसरदा बांध से भरा जाएगा. इस पर 1250 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. दावा है कि इससे जयपुर जिले के आंधी, जमवारामगढ़, आमेर, जालसू, गोविन्दगढ़, शाहपुरा, विराटनगर, पावटा, कोटपूतली ब्लॉक एवं अलवर जिले के थानागाजी एवं बानसूर ब्लॉक्स के लिए पेयजल योजना बनाई जा सकेगी. 

ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए सिंचाई और पेयजल की योजना है. फोटो- CMRईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए सिंचाई और पेयजल की योजना है. फोटो- CMR
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Aug 16, 2023,
  • Updated Aug 16, 2023, 3:41 PM IST

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना इस वक्त राजस्थान का सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा है. एक तरफ राज्य सरकार जहां इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग केन्द्र सरकार से कर रही है, वहीं केन्द्र संशोधित डीपीआर भेजने की बात राजस्थान सरकार से कह रहा है. इस सब के बीच 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजस्थान की सीएम अशोक गहलोत ने ईआरसीपी को लेकर दो बड़ी घोषणा कर दीं.

सीएम का दावा है कि इस घोषणा से पूर्वी राजस्थान में 13 विधानसभा क्षेत्रों पर असर होगा और 11 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा होगा. बता दें कि किसान तक ने भी समय-समय पर ईआरसीपी के मुद्दे पर कई रिपोर्ट और वीडियो स्टोरी की हैं. 

ईसरदा बांध से भरा जाएगा जयपुर का रामगढ़ डैम

सीएम ने घोषणा की कि अब जयपुर के खाली पड़े बांध को ईआरसीपी के तहत बनाए ईसरदा बांध से भरा जाएगा. इस पर 1250 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. दावा है कि इससे जयपुर जिले के आंधी, जमवारामगढ़, आमेर, जालसू, गोविन्दगढ़, शाहपुरा, विराटनगर, पावटा, कोटपूतली ब्लॉक एवं अलवर जिले के थानागाजी एवं बानसूर ब्लॉक्स के लिए पेयजल योजना बनाई जा सकेगी. 

बता दें कि रामगढ़ बांध एक वक्त में जयपुर की पहचान हुआ करता था, लेकिन यह बांध बीते दो दशक से सूखा पड़ा है. अभी यह बांध अपने अस्तित्व बचाने का संघर्ष कर रहा है. 

53 बांधों को ईआरसीपी से जोड़ा जाएगा

सीएम गहलोत ने घोषणा की कि दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर एवं अलवर जिले के 53 बांधों को ईआरसीपी से जोड़ा जाएगा. ताकि इन्हें भरा जा सके. इस पर करीब 1665 करोड़ रुपये की लागत आएगी. सीएम ने कहा कि इन बांधों को ईआरसीपी से जोड़ने के बाद पूर्वी राजस्थान के 13 विधानसभा क्षेत्रों को 11 लाख से ज्यादा किसानों को सीधा लाभ होगा. 

गहलोत ने कहा कि 13 जिलों की महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में वसुंधरा सरकार की ओर से बनाई गई डीपीआर में सिर्फ 26 बांध शामिल किए गए थे. इस डीपीआर में कई बांधों को योजना से नहीं जोड़ा गया. इसकी मांग स्थानीय लोग काफी समय से कर रहे हैं. 

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस घोषणा का ईआरसीपी से जुड़े तमाम संगठनों ने स्वागत किया है. किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने किसान तक से कहा कि 53 और बांधों को जोड़ने से इन 13 जिलों की जनता को फायदा होगा. पानी की कमी से सूखे पड़े बांधों में पानी की आवक होगी और सिंचाई बढ़ेगी. सीएम की इस घोषणा से ईआरसीपी की प्रोजेक्ट लागत 2915 करोड़ रुपये और बढ़ गई है. 

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क्या है ईआरसीपी परियोजना?

ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए सिंचाई और पेयजल की योजना है जिससे 2051 तक इन जिलों को पानी की पूर्ति होनी है. ईआरसीपी के धरातल पर उतरने से 2.02 लाख हेक्टेयर नई सिंचाई भूमि बनेगी. इससे इन इलाकों में खेती और सिंचाई से जुड़ी समस्या दूर होगी.

साथ ही इन जिलों में पहले से बने 26 बांधों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा. इससे 80,878 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है. इस तरह कुल 2.80 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा विकसित होगी. इस काम को सात साल में पूरा होना है. सरकार ने योजना में शामिल 26 बांधों के अलावा 53 बांध और जोड़ दिए हैं. इस तरह अब ईआरसीपी में बांध हो गए हैं. 


 

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