संगरूर में मंगलवार को किसानों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. कम दाम पर गेहूं की सरकारी खरीद के खिलाफ किसानों ने रेलवे ट्रैक को जाम किया. कई घंटे तक किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे रहे और आवाजाही को रोक दिया. यह विरोध प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में किया गया. संगरूर सहित पंजाब के कई इलाकों में किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ चार घंटे तक जमकर प्रदर्शन किया. किसानों का कहना था कि गेहूं की सरकारी खरीद में जो कटौती की गई है, उसको वापस लिया जाए. यह कटौती खराब गेहूं की एमएसपी में की गई है. हालांकि पंजाब सरकार ने इसकी भरपाई करने की बात कही है, लेकिन किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार इस कटौती को वापस ले और गेहूं का पूरा दाम दिया जाए.
विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने कहा, सरकार को गेहूं पर मुआवजा देना था. उल्टा सरकारी दाम से भी कम रेट पर गेहूं खरीदा जा रहा है. इसके विरोध में संगरूर में किसानों ने चार जगह पर चार घंटे तक रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. विरोध प्रदर्शन वाले स्थानों में संगरूर का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन, धूरी रेलवे स्टेशन, सुनम का रेलवे स्टेशन और लहरागागा रेलवे स्टेशन शामिल रहे. इन चारों स्टेशनों पर किसानों ने ट्रैक पर बैठकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसके चलते दिल्ली से अंबाला के रास्ते राजस्थान और दिल्ली से जम्मू कश्मीर जाने वाली ट्रेनें प्रभावित हुईं.
इस आंदोलन की एक खास बात ये रही कि किसानों ने आम जन की परेशानियों का पूरा ध्यान रखा. खासकर ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए खास बंदोबस्त किए गए. रेल यात्रियों के लिए आंदोलनरत किसानों ने चाय और पानी का प्रबंध खुद किया. इस पर ट्रेन के यात्रियों ने कहा कि उन्हें आंदोलन से थोड़ी परेशानी जरूर है, लेकिन वे किसानों के साथ हैं क्योंकि किसान खेत में फसल उगाता है तभी लोग खाते हैं. ऐसे में किसानों की मांगें जायज हैं. रेल यात्रियों ने कहा कि सरकार को किसानों की मांग माननी चाहिए. दूसरी ओर किसानों ने कहा कि वे आंदोलन में रेलवे ट्रैक पर नहीं बैठना चाहते, मगर सरकार बात नहीं सुन रही इसलिए कड़ा कदम उठाना पड़ रहा है.
किसान नेता अमरीक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार की खरीद एजेंसी एफसीआई ने गेहूं की खरीद में पांच रुपये से लेकर 32 रुपये तक का कट लगाया है. सरकारी खरीद का रेट 2125 रुपये है, लेकिन पंजाब के अलग-अलग जिलों में किसानों का गेहूं 2125 रुपये से कम दाम पर खरीदा जा रहा है. अमरीक सिंह कहते हैं, बरसात के चलते गेहूं का दाना और उसकी क्वालिटी खराब हुई है. ऐसा पिछले साल भी हुआ था, पर ऐसी कटौती नहीं की गई थी. सरकार को हमें मुआवजा देना था, उलटा किसानों के पैसे में कटौती की जा रहा है.
आंदोलन में उतरे किसान कहते हैं, हम सरकार से कहना चाहते हैं कि कटौती के फैसले को तुरंत वापस लिया जाए. किसान नेता अमरीक सिंह ने कहा कि प्राइवेट एजंसियां गेहूं का रेट एमएसपी से अधिक दे रही हैं जबकि सरकारी एजंसी उससे कम भाव दे रही है. यही वजह है कि किसान एमएसपी को लेकर रेलवे ट्रैक पर आंदोलन करने को उतारू हैं.
संगरूर के रेलवे स्टेशन पर दो गाड़ियां रोकी गईं जिनमें से पहली गाड़ी 11057 थी जो मुंबई से श्री अमृतसर साहिब जाने वाली दादर एक्सप्रेस थी. दूसरी गाड़ी 22479 थी नई दिल्ली से लोहिया खास जाने वाली सरबत दा भला एक्सप्रेस थी. इन ट्रेनों को धूरी के रेलवे स्टेशन पर रोका गया और इन गाड़ियों के यात्रियों के लिए किसानों ने चाय पानी का प्रबंध किया. किसानों का जय रेल रोको आंदोलन भारत के कई राज्यों में था जिसमें किसानों ने चार घंटे तक रेलवे ट्रैक जाम रखा.
संगरूर की तरह फरीदकोट में भी विरोध प्रदर्शन हुआ. किसान फ़रीदकोट गोलेवाला और जैतो में रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों का कहना था कि पंजाब सरकार किसानों को फसल का कम मुआवजा दे रही है. साथ ही केंद्र सरकार ने भी गेहूं की बिक्री में कट लगा दिया है. एक क्विंटल पर 37 रुपये रुपये तक का कट लग रहा है जो कि किसानों के साथ अन्याय है. फरीदकोट में धरना दे रहे किसानों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बरसात और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गई हैं. ऊपर से सरकार मुआवजा और राहत देने की बजाय किसानों से 37 रुपये प्रति क्विंटल का कट लगा रही है. इसके विरोध में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया जा रहा है.(फरीदकोट से प्रेम पासी का इनपुट)