
महाराष्ट्र सरकार ने जून से सितंबर 2025 के बीच आई भीषण बाढ़ से हुए व्यापक नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की है. राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय को विस्तृत मेमोरेंडम भेजकर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के तहत आपात फंड जारी करने की मांग की है. राजस्व मंत्री के कार्यालय के अनुसार, इस मॉनसून सीजन में राज्य के कई क्षेत्रों- मराठवाड़ा, कोंकण, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र में अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी. इसके चलते लाखों लोग प्रभावित हुए थे. हजारों मकान क्षतिग्रस्त हुए, किसानों की फसलें नष्ट हो गईं, पशुधन का नुकसान हुआ और सड़क-पुल जैसे सार्वजनिक ढांचे पर गहरा असर पड़ा है.
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि आपदा का पैमाना इतना बड़ा है कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) की उपलब्ध राशि इस भारी क्षति की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं है. इसी वजह से उन्होंने केंद्र से विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है, ताकि राहत कार्यों को गति दी जा सके, पुनर्वास की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सके और जरूरी सार्वजनिक ढांचे की बहाली की जा सके.
मेमोरेंडम में गृह मंत्रालय से इस अनुरोध को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर तेजी से मंजूरी देने की अपील की गई है. राज्य सरकार का कहना है कि समय पर सहायता मिलने से बाढ़-प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में मदद मिल सकेगी. राज्य सरकार ने अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) को भी उनके जमीनी आकलन के लिए धन्यवाद दिया है.
अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न विभागों ने नुकसान के आंकड़ों की गहन जांच की है, जिसे मेमोरेंडम में शामिल कर केंद्र को भेजा गया है. इसी बीच, केंद्र सरकार ने 19 अक्टूबर को SDRF की केंद्रीय हिस्सेदारी की दूसरी किस्त के रूप में 1,950.80 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि कर्नाटक और महाराष्ट्र को जारी करने को मंजूरी दी थी. इसमें से 384.40 करोड़ रुपये कर्नाटक और 1,566.40 करोड़ रुपये महाराष्ट्र को दिए गए थे, ताकि इन राज्यों में भारी वर्षा और बाढ़ से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराई जा सके.
गृह मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं से जूझ रहे राज्यों को हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इस वर्ष अब तक केंद्र SDRF के तहत 27 राज्यों को 13,603.20 करोड़ रुपये और NDRF के तहत 15 राज्यों को 2,189.28 करोड़ रुपये जारी कर चुका है. इसके अलावा, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) के माध्यम से 21 राज्यों को 4,571.30 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) के तहत 9 राज्यों को 372.09 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
केंद्र सरकार ने वित्तीय सहायता के साथ-साथ सभी जरूरी लॉजिस्टिकल सपोर्ट भी उपलब्ध कराया है. इस मॉनसून में NDRF ने 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 199 टीमों की तैनाती की, जबकि सेना और वायुसेना ने भी कई जगह बचाव और राहत अभियान चलाए. अधिकारियों का कहना है कि तेजी से प्रतिक्रिया और संसाधनों की उपलब्धता के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सका.
इससे पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य के बाढ़-प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर चुके हैं. राज्य सरकार का दावा है कि केंद्र से अतिरिक्त सहायता मिलते ही किसानों और आम नागरिकों के लिए राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जाएगी. (एएनआई)