महाराष्ट्र ने मॉनसून सीजन के दौरान भारी बारिश और बाढ़ का कहर झेला है, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. राज्य सरकार के आकलन में पता चला है कि महाराष्ट्र में 68 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है और किसानों को भारी नुकसान हुआ है. इस बीच, राज्य सरकार ने किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया है, जिससे नुकसान की भरपाई की जाएगी. राजस्व और वन विभाग ने जून और सितंबर 2025 के बीच हुई भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित पीड़ितों के लिए एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में विशेष राहत पैकेज और विभिन्न रियायतों की घोषणा की है. राज्य सरकार ने खरीफ सीजन के दौरान राज्य भर की 253 तालुकाओं (तहसीलों) को आधिकारिक तौर पर इन आपदाओं से प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है. राहत पैकेज में सीधी वित्तीय मदद और प्रमुख छूट शामिल हैं.
राहत पैकेज के तहत किसानों को 3 हेक्टेयर की सीमा के भीतर फसल के नुकसान के लिए सहायता मिलेगी. इसमें असिंचित फसलों के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसलों के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और बारहमासी फसलों के नुकसान लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की आर्थिक मदद जाएगी.
इसके अलावा, कृषि विभाग आगामी रबी सीजन के लिए बीज और उर्वरकों के लिए प्रति हेक्टेयर (3 हेक्टेयर तक) 10,000 रुपये की मदद करेगा, जिसका भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जाएगा. मुख्य रियायतों में भू-राजस्व में छूट, सहकारी लोन का पुनर्गठन और कृषि संबंधी लोन की वसूली पर एक वर्ष के लिए रोक शामिल है. छात्रों को परीक्षा शुल्क (कक्षा 10 और 12 सहित) में छूट का लाभ मिलेगा और तिमाही बिजली बिलों में भी छूट दी जाएगी.
वहीं, मृतकों के परिवार (आश्रित) को 4 लाख रुपये मिलेंगे. मैदानी क्षेत्रों में पूरी तरह से नष्ट हुए घरों के लिए 1,20,000 रुपये की सहायता राशि और पहाड़ी क्षेत्रों में 1,30,000 रुपये सहायता राशि निर्धारित की गई है, जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए कम राशि निर्धारित की गई है.
इसके अलावा, लोक निर्माण, जल संसाधन, ऊर्जा और ग्रामीण विकास जैसे विभागों में आवश्यक बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए 10,000 करोड़ रुपये का एक विशेष पैकेज निर्धारित किया गया है.
सरकार ने निर्देश दिया है कि लाभार्थियों को सभी भुगतान सुव्यवस्थित किए जाएं. एग्रीस्टैक में ई-केवाईसी के साथ पंजीकृत किसानों को सहायता के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया से छूट दी गई है. (रिपोर्ट- रित्विक)