सूखे से प्रभावित झारखंड के किसानों को थोड़ी राहत मिली और उनके चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान देखने के लिए मिली है. अक्टूबर महीने की हथिया नक्षत्र में हुई बारिश के कारण बारिश में कमी का आंकडा थोड़ा कम जरूर हुआ है. पर इसके बाद भी जो नुकसान धान की बुवाई नहीं हो पाने के किसान राज्य के किसानों को हुआ उसकी भारपाई करना मुश्किल है. हालांकि किसानों को राहत पंहुचाने के लिए झारखंड सरकार किसानों को लिए झारखंड राज्य फसल राहत योजना लेकर आयी है. इस योजना के तहत आपदा के कारण किसानों को हुए फसल नुकसान के लिए सहायकता राशि प्रदान की जाएगी. ताकि उन्हें थोड़ी राहत मिल सके और रबी फसल की खेती के लिए उनके हाथ में पूंजी मिल सके.
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख एक्स अकाउंट से किए गए ट्वीट के मुताबिक राज्य सरकार राज्य के किसानों को फसल राहत योजना के तहत इस साल 4000 रुपए प्रति एकड़ की सहायता राशि देगी. गौरतलब है कि पिछले साल सूखाड़ राशि के तहत किसानों को 3500 रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जानी थी. पर अभी भी राज्य के लगभग 20 लाख से अधिक ऐसे किसान हैं जिन्हें आवेदन देने के बाद भी पिछली बार की सूखा राहत राशि नहीं मिली है. इसलिए किसान इस बार फसल राहत योजना के तहत मिलने वाली योजना को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.
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फसल राहत योजना का लाभ लेने के लिए किसानो को अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र में जाकर आवेदन करना होगा. फसल राहत योजना लाभ लेने के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 15 अक्टूबर रखी गई है. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्वावेजों की आवश्यकता होगी.
झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान होने पर इसका लाभ किसानों को मिलता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन निबंधन के तहत रबी औऱ खरीफ फसल के लिए अलग-अलग आवेदन करना होता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसी प्रकार का प्रीमियम किसानों को नहीं देना होगा. किसान को प्राकृतिक आपदा के कारण कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन फसल कटाई प्रयोग के आधार पर किया जाएगा. 30 से 50 फीसदी तक फसल नुकसान होने पर किसान को 3000 रुपये प्रति एकड की दर से सहायता राशि दी जाएगी. जबकि 50 फीसदी से अधिक नुकसान होने पर 4000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. अधिकतम पांच एकड़ के लिए यह सहायता राशि दी जाएगी.
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राज्य के रैयत औऱ बंटाईदार इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदक किसान की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. साथ ही वैद्य आधार कार्ड होना चाहिए. न्यूनतम 10 डिमसमिल और अधिकतम 5 एकड़ जमीन का स्वामी होना चाहिए. यह सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक है और किसानों को बॉयोमिट्रिक प्रणाली द्वारा अपने आधार संख्या को प्रमाणित करना होगा.