गुजरात के किसानों के लिए राहत की खबर है. सरकार ने उन किसानों के लिए रिलीफ पैकेज का ऐलान किया है जिनकी फसलें बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से नष्ट हुई हैं. हाल के दिनों में गुजरात में भारी बारिश देखी गई है जिससे कई फसलें चौपट हुई हैं. मार्च महीने में गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश हुई जिससे फसलें मारी गईं. इसके बाद किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की थी. सरकार ने इस मांग को मान लिया है और फसली मुआवजे का ऐलान कर दिया है. किसानों को प्रति एकड़ 23,000 रुपये तक की राहत राशि मिलेगी. इस फैसले से किसानों में खुशी की लहर है.
प्रदेश सरकार ने गुरुवार को एक फैसले में राहत राशि देने का फैसला किया. गुरुवार को एक कैबिनेट बैठक में प्रदेश के प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया गया. इस कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने की. इस बैठक के बारे में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने जानकारी दी.
पटेल ने मीडिया को बताया कि इस बार किसानों के लिए जिस रिलीफ पैकेज का ऐलान किया गया है, वह अभी तक का सबसे अधिक है. पटेल ने बताया कि रिलीफ पैकेज की घोषणा करने से पहले सरकार ने किसानों के खेतों में नुकसान का सर्वे कराया. यह सर्वे प्रदेश के 13 अलग-अलग जिलों-राजकोट, जूनागढ़, बनासकांठा, अरावली, तापी, पाटन, साबरकांठा, सूरत, कच्छ, अमरेली, जूनागढ़, भावनगर और अहमदाबाद में किया गया.
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इस रिलीफ पैकेज के अंतर्गत जिन किसानों की फसल का 33 फीसद या उससे अधिक नुकसान हुआ है, उन्हें सरकारी राहत राशि के अलावा स्टेट डिजास्टर रेस्पोंस फंड यानी कि SDRF के नियमों के तहत भी पैसा दिया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गेहूं, चना, सरसों, केला और पपीता जैसी फसलों के लिए किसानों को एसडीआरएफ से 13,500 रुपये और राज्य सरकार से 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त सहायता मिलेगी. इस तरह कुल राशि 23,000 रुपये तक होती है.
कुल मिलाकर, प्रत्येक किसान को 23,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता मिलेगी, लेकिन अधिकतम दो हेक्टेयर की सीमा के साथ. यानी अगर किसी किसान की पांच एकड़ में फसल खराब हुई है तो उसे दो एकड़ का ही पैसा मिलेगा, न कि पांच एकड़ का.
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आम, अमरूद और नींबू जैसे बागवानी उपजों को हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार दो हेक्टेयर की ऊपरी सीमा के साथ 30,600 रुपये प्रति हेक्टेयर का भुगतान करेगी. इस मुआवजे में एसडीआरएफ से 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और राज्य के खजाने से 12,600 रुपये शामिल हैं. नियम के मुताबिक, पात्र किसानों को गुजरात सरकार 4,000 रुपये की न्यूनतम सहायता का भुगतान करेगी.