बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान काफी नजदीक आ चुका है. वहीं, बिहार सरकार की ओर से जहां कई तरह की योजनाएं और घोषणाएं की जा रही हैं. वहीं विभागीय स्तर पर भी कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने अमीन संवर्ग की सेवा व्यवस्था में बड़ा बदलाव कर दिया है. राज्य की सरकार द्वारा अमीनों के प्रमोशन और कैरियर ग्रोथ को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करते हुए बताया गया कि अब अमीनों का प्रमोशन और कैरियर ग्रोथ केवल वरीयता सूची पर निर्भर करेगा. इसके लिए सभी जिलों और निदेशालयों से तत्काल अपडेट सूचना मांगी गई है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से अमीनों के प्रमोशन को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. वहीं, इस विषय को लेकर विभाग के अपर सचिव डॉ. महेंद्र पाल ने सभी समाहर्ताओं और भू-अभिलेख, परिमाप, भू-अर्जन और चकबंदी निदेशालयों के निदेशकों को निर्देश देते हुए कहा है कि इससे संबंधित अधिकारी तय समय पर प्रपत्र पर पूरी जानकारी तुरंत भेज दें, ताकि विभाग इस विषय पर आगे कार्य कर सके.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से नई बिहार अमीन संवर्ग नियमावली, 2025 लागू होने के बाद सभी नियमित अमीनों को एकीकृत संवर्ग में शामिल किया जाना है. इसी संवर्ग की वरीयता सूची के आधार पर उनके आगे का प्रमोशन, पोस्टिंग और भविष्य की राह तय होगी. वहीं, विभाग का कहना है कि वरीयता सूची ही आगे चलकर प्रमोशन और अन्य तरह की ग्रोथ का आधार बनेगी. इसका सीधा मतलब यह है कि अब किसी तरह की सिफारिश या बाहरी दबाव काम नहीं आएगा.
अमीनों का प्रमोशन और कैरियर ग्रोथ नई वरीयता सूची के आधार पर होने के पीछे सरकार का तर्क है कि इस सूची से न सिर्फ कर्मचारियों का भविष्य तय होगा, बल्कि संवर्ग में पारदर्शिता और निष्पक्षता भी सुनिश्चित होगी, जिसका लाभ सीधे अमीनों को मिलेगा. विभाग की ओर से साफ संकेत दिए गए हैं कि वरीयता सूची बनाने में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वहीं, अगर साधारण शब्दों में समझाया जाए तो अब अमीनों का प्रमोशन न तो भाग्य पर निर्भर होगा और न ही किसी की सिफारिश पर. यह प्रक्रिया अब पूरी तरह स्पष्ट और पारदर्शी नियमों पर आधारित होगी.
इस तरह बिहार सरकार का यह कदम अमीन संवर्ग की सेवा व्यवस्था में न सिर्फ एक बड़ा बदलाव है, बल्कि इससे विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में भी अहम पहल मानी जा रही है.