कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक एवं नये प्रयोग की मदद से जहां फसल उत्पादन में वृद्धि हो रही है. वहीं फल व सब्जियों के बेहतर भंडारण की सुविधा नहीं होने से किसानों को काफी नुकसान होता है. हालात यहां तक आ जाते हैं कि किसानों को औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर हो जाते हैं. कोल्ड स्टोरेज की सुविधा हो तो किसानों के सामने इस तरह की समस्या नहीं होगी. अगर कोई सरकारी मदद के सहारे कृषि के क्षेत्र में बिजनेस शुरू करना चाहते हैंऔर एक बेहतर कमाई के साथ देश के विकास में अपना योगदान करना चाहते है, तो वैसे प्रगतिशील उद्यमी कोल्ड स्टोरेज’ का बिजनेस शुरू कर सकते हैं. कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस शुरू करने एवं उसमें उपयोग आने वाले महत्वपूर्ण मशीनों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है.
इसके बारे में कोल्ड स्टोरेज से जुड़ी मशीन बनाने वाली कंपनी के अधिकारी कविंद्र कुमार कहते हैं कि कोल्ड स्टोरेज कोई छोटा बिजनेस नहीं है. इसमें लागत लाख रुपए नहीं, बल्कि करोड़ में आता है. वहीं कमाई भी बढ़िया होती है. लेकिन यह भी देखने को मिलता है कि कई लोग बिजनेस शुरू तो करना चाहते हैं. मगर उन्हें मशीनों से जुड़ी जानकारी तक नहीं होती है. बिहार में करीब 387 से अधिक छोटे व बड़े कोल्ड स्टोरेज हैं.
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किसान तक से बातचीत के दौरान कविंद्र कुमार कहते हैं कि किसी भी कोल्ड स्टोरेज को खोलने के लिए आपको विशेष तौर से कूलिंग यूनिट की जरूरत होती है, जो चेंबर में लगाया जाता है. यह पूरे स्टोर को ठंडा रखने के काम करता है. इसके साथ ही मशीन रूम में कंप्रेसर मशीन,केन्डेंसर एवं अमोनिया पंप मशीन की जरूरत होती है. इसके अलावा और भी बड़े छोटे मशीन लगाए जाते हैं. कोल्ड स्टोरेज के उपकरणों को अंतिम रूप देने से पहले निम्नलिखित कारकों पर ध्यान देने की जरूरत होती है, जैसे उपकरण की आयु, प्रकाश, लोड, स्टोर किए उत्पादों से उत्पन्न गर्मी, छत, दीवार, फर्श, सहित गर्मियों के दौरान बिजली कटौती को मैनेज करने के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए.
आगे कहते हैं कि अभी हाल के समय में अगर कोई उद्यमी कोल्ड स्टोरेज खोलने की सोच रहे हैं तो वह छोटे स्तर पर भी खोल सकते हैं. अगर कोई 50 किलो वजन वाले पैकेट आलू या अन्य सब्जी व फल का स्टोरेज 40 हजार बोरा तक करना चाहते हैं. तो वह 4 सिलेंडर का कंप्रेसर मशीन का उपयोग कर सकते हैं. वहीं एक लाख पैकेट के लिए 6 सिलेंडर कंप्रेसर का उपयोग कर सकते हैं. आगे कहते हैं कि अगर छोटे स्तर पर भी कोई कोल्ड स्टोरेज खोलना चाहता है तो करीब 2 करोड़ रुपए तक का लागत आसानी से आ जाएगा.
कोल्ड स्टोरेज से जुड़ी मशीन बनाने वाली भारत की फ्रिक इंडिया लिमिटेड कंपनी के मार्केटिंग जनरल मैनेजर राकेश कुमार राघव बताते हैं कि कोल्ड स्टोरेज खोलने से पहले उससे जुड़ी सभी जानकारी हासिल करना बेहद जरूरी होता है. इसके लिए सबसे पहले सरकारी अनुमति होना बेहद जरूरी है. इसके उपयोग में आने वाली सभी मशीन काफी महंगी होती है. इसलिए कोल्ड स्टोरेज की मशीन महंगे होने की वजह से केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा सब्सिडी भी दी जाती है.
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इसमें करीब 10 हजार टन के लिए 35 से 50 प्रतिशत तक सरकारी अनुदान दी जाती है. इसके साथ ही छोटे स्तर के कोल्ड स्टोरेज के लिए अलग अलग तरह की सब्सिडी दी जाती है. वहीं कुछ लोग कहते हैं कि एसी लगाकर कोल्ड स्टोरेज शुरू कर सकते हैं. तो उनके लिए यहीं कहना है कि कोल्ड स्टोरेज का तापमान दो से तीन डिग्री तक रहता है. जबकि एसी में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक रहता है.
कोल्ड स्टोरेज एक बार का बिज़नेस इन्वेस्टमेंट है. इसमें प्रारंभिक निवेश की आवश्यकता अधिक होती है. लेकिन रिटर्न भी अधिक मिलता है. कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता वाले खाद्य पदार्थों में फल और सब्जियां, पोल्ट्री और मछली उत्पाद, मांस उत्पादन और तंबाकू और बीयर जैसे उत्पाद शामिल हैं. कोल्ड स्टोरेज सुविधा प्रति दिन 12 घंटे से अधिक काम नहीं करना चाहिए. सड़क संपर्क और साइट ऊंचाई के साथ पर्याप्त जल निकासी होना चाहिए. शीतल जल का उपयोग करना चाहिए, यदि उपलब्ध नहीं है तो जल मृदुकरण संयंत्र की स्थापना करना चाहिए.
बिहार के उद्यमी एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत बिहार में कोल्ड स्टोरेज यूनिट पर आर्थिक अनुदान के लिये आधिकारिक पोर्टल पर जाकर विजिट कर सकते हैं. वहीं योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिये जिले में उद्यान विभाग (Bihar Horticulture Department) के कार्यालय में जाकर सहायक निदेशक से संपर्क कर सकते हैं.