
बिहार के किसानों को खेतों तक आसानी से पानी उपलब्ध हो, इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से कई तरह के कार्यक्रम और योजनाएं चलाई जा रही हैं. वहीं, जल संसाधन विभाग की ओर से सात निश्चय-2 के तहत “हर खेत तक सिंचाई का पानी” कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित कुल 1203 योजनाओं में से अब तक 1179 योजनाओं को पूरा कर लिया गया है. बीते दिनों जल संसाधन विभाग की ओर से विभाग के कार्यों की समीक्षा को लेकर आयोजित बैठक में विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने इससे जुड़ी जानकारी दी. वहीं, उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत बचे हुए कार्यों को भी पूरा कर लिया जाएगा.
सात निश्चय-2 के तहत विभाग की ओर से संचालित “हर खेत तक सिंचाई का पानी” कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 3129.41 हेक्टेयर भूमि में नई सिंचाई क्षमता सृजित की गई है, जबकि कुल 6,38,24.52 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का पुनर्स्थापन किया गया है. संयुक्त तकनीकी सर्वेक्षण के प्रथम चरण में कुल 429 योजनाएं निर्धारित थीं, जिनमें से 422 को पूर्ण कर लिया गया है. वहीं, द्वितीय चरण की कुल 332 योजनाओं में से 330 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि तृतीय चरण की कुल 442 योजनाओं में से 427 को पूरा कर लिया गया है.
विभाग की ओर से आयोजित समीक्षा बैठक में प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने सख्त रुख अपनाते हुए निर्देश दिया कि जिन योजनाओं में वर्क प्रोग्राम के अनुसार निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 20 प्रतिशत से कम काम हुआ है, उन सभी मामलों में संबंधित कार्यपालक अभियंताओं और संवेदकों से स्पष्टीकरण मांगा जाए. उन्होंने कहा कि योजना क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. योजनाओं की कार्य-गति बढ़ाई जाए और मानव-बल, सामग्री और मशीनरी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए कार्यों को तेजी से पूर्ण किया जाए.
राज्य सरकार की ओर से हर खेत तक सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने को लेकर अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, हालांकि अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पानी आसानी से खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है, जिसको लेकर विभाग को काम करने की जरूरत है. अगर किसानों को स्थायी सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाए, तो उनके कृषि उत्पादन में काफी मजबूती मिलेगी.