पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा को पानी देने के विवाद में किसान संगठनों पर हमला बोला था. अब किसान संगठनों के साथ-साथ पर्यावरणविदों ने पंजाब के किसान समुदाय पर सीएम मान के हमले पर अपना गुस्सा जाहिर किया है. किसान संगठनों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने हमले के जरिए किसानों और बाकी कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी 'नापसंदगी' दिखाई है जो किसान समुदाय और राज्य से जुड़े पानी के मसलों के लिए लड़ रहे हैं.
रविवार को नंगल में भाखड़ा ब्यास मैनेजिंग बोर्ड (एमबीएमबी) के ऑफिस के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मान ने कहा था, 'किसान संगठन अब कहां हैं? उन्होंने पंजाब के पानी को बचाने के लिए एक भी बयान जारी नहीं किया है. लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं है, हम अकेले ही लड़ेंगे.' मान ने कहा था कि किसानों की सोच सिर्फ धरना देने और हाइवे को ब्लॉक करने तक ही सीमित है. मान के शब्दों में, 'उन्हें यहां आना चाहिए था लेकिन हमें उनकी कोई जरूरत नहीं है. उन्हें हमारे पास आना चाहिए हम उनके खेतों के लिए पानी बचा रहे हैं. वो खुद को पानी के रक्षक कहते थे लेकिन पानी के रक्षक अब कहां हैं?'
मान यही नहीं रुके और उन्होंने किसान नेताओं और संगठनों पर बड़ा आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि किसान इस विरोध स्थल पर नहीं आते क्योंकि यहां एयर कंडीशंड (एसी) ट्रॉलियां नहीं हैं. उनका कहना था कि बिना एसी के उनके लिए यह मुश्किल है. सीएम के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कीर्ति किसान यूनियन के नेता राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने कहा, 'हमने 2022 में बांध सुरक्षा अधिनियम और बीबीएमबी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने बांध सुरक्षा अधिनियम को गंभीरता से नहीं लिया. अब पंजाब इसकी कीमत चुका रहा है.'
वहीं किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, 'किसान अपने अधिकारों के लिए गर्मियों में चिलचिलाती धूप या सर्द रातों में विरोध प्रदर्शन करने की परवाह नहीं करते हैं. एसी का प्रयोग करना कोई पाप नहीं है क्योंकि सीएम भी हर समय एसी में रहते हैं. हम नियमित रूप से पानी का मुद्दा उठाते आए हैं. सीएम जनता को गुमराह कर रहे हैं.' पर्यावरण के लिए काम करने वाले संगठन पब्लिक एक्शन कमेटी (पीएसी) मत्तेवाड़ा ने बुड्डा दरिया कार्यकर्ताओं के खिलाफ सीएम की टिप्पणियों का जोरदार खंडन किया. संगठन ने सीएम मान की सरकार को 'पाखंडी और लापरवाह' करार दिया है.
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