
महाराष्ट्र में बाढ़ पीड़ित किसानों को मिलने वाले मुआवजे का मुद्दा अभी काफी गरमाया हुआ है. इस बीज, मराठवाड़ा के अलग-अलग जिलों में पिछले कुछ महीनों से हुई भारी बारिश ने किसानों की हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद कर दी है. सरकार ने किसानों को राहत और कर्जमाफी का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक न तो मुआवजा मिला है और न ही राहत राशि पहुंची है. इसी मुद्दे को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मराठवाड़ा का चार दिवसीय दौरा शुरू किया है, जिसका नाम ‘दगाबाज रे’ रखा गया है.
उद्धव ठाकरे ने इस दौरे की शुरुआत छत्रपति संभाजी नगर जिले के पैठण तहसील के डाबरवाड़ी गांव से की है. उन्होंने खेतों में जाकर किसानों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक किसानों की परेशानी दूर नहीं होती, वे उनके साथ खड़े रहेंगे.
पैठण स्थानीय किसान धनंजय तांगडे ने बताया कि उनकी 26 एकड़ खेती है, जिसमें से 13 एकड़ में सोयाबीन लगाया था. ज़्यादा बारिश के कारण पूरी फसल खराब हो गई. वहीं, सरकार ने बस दिखावे के लिए कुछ किसानों के खातों में 6 या 10 रुपये डाले हैं. इससे नुकसान की भरपाई कैसे होगी. एक दूसरे किसान गणेश बोधने ने कहा कि भारी बारिश से सोयाबीन और अनार की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है. लेकिन अभी तक खेतों में पंचनामा भी नहीं हुआ है. सरकार कर्जमाफी और मुआवजे की बातें तो करती है, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं हुआ है.
किसान सुदाम विनायक फुले ने कहा कि गन्ना, कपास, सोयाबीन और मोसंबी की फसलें पूरी तरह बर्बाद गई है. उद्धव ठाकरे किसानों की मदद के लिए आए हैं. अब किसान सरकार के खिलाफ मोर्चा निकालने की तैयारी में हैं, क्योंकि सरकार किसानों की बदौलत चल रही है, लेकिन उसी किसानों को नजरअंदाज कर रही है. साथ ही किसानों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने दिवाली से पहले राहत देने का जो वादा किया था, वह अब तक पूरा नहीं हुआ है. किसानों का कहना है कि यदि जल्द मुआवजा नहीं दिया गया, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. (इसरार चिश्ती की रिपोर्ट)