
महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र में अब एक और नया बवाल हो गया है. यहां पर स्टडी टूर के लिए भेजे जाने वाले किसानों के सेलेक्शन को लेकर हंगामा हो गया है. दरअसल गढ़चिरौली जिले के पांच प्रगतिशील किसानों का कृषि विभाग की तरफ से सेलेक्शन हुआ है. इन किसानों को अब विदेश भेजा जाएगा. लेकिन यहीं पर एक टिवस्ट गया है. प्रगतिशील किसानों के नामों में दो राजनीतिक पदाधिकारी और एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता का नाम भी शामिल है और इसे ही लेकर बवाल मचा हुआ है. इन नामों की वजह से अब यह चयन विवादों में फंस गया है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. उनसे सवाल किया जा रहा है कि क्या यह एक स्टडी टूर है या फिर सरकारी खर्च पर चहेते लोगों को विदेश यात्रा कराई जा रही है? महाराष्ट्र के असंगठित कामगार कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कुणाल पेंडोरकर की तरफ से कई तरह के आरोप लगाए गए हैं. साथ ही उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इसकी शिकायत की है. इस सिलसिलेले में जिला कलेक्टर को एक मेमोरेंडम भी दिया है. इसमें जिला कृषि अधीक्षक प्रीति हिरलकर को सस्पेंड करने की मांग की गई है.
इस स्टडी टूर पर पद्मश्री से सम्मानित परशुराम खुणे, एक कॉलेज निदेशक अरुण हरडे, राजनीतिक पदाधिकारी बालकृष्ण टेंभुर्णे और दो किसान चंद्रशेखर मुर्तेली और विनोद जक्कनवार शामिल हैं. यह स्टडी टूर यूरोप, इजराइल, जापान, मलेशिया, वियतनाम और फिलीपींस में होगा. कृषि विभाग ने इस दौरे के लिए प्रगतिशील किसानों का चयन करने का दावा किया है. हालांकि, पेंडोरकर ने यह भी सवाल उठाया है कि ये मानदंड किसने, कैसे और कब तय किए.
सरकार की तरफ से जो सेलेक्शन प्रक्रिया अपनाई गई थी उसमें उन किसानों को चुना गया जो मॉर्डन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हों, आधुनिक खेती की तरफ अग्रसर हों और तय उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर रहे हों. प्रीति हिरलकर के अनुसार गढ़चिरौली महाराष्ट्र का वह जिला है जहां पर खेती काफी चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है लेकिन फिर भी किसानों ने मेहतन से इस दिशा में आगे बढ़ने के प्रयास किए हैं. उनका कहना था कि यह स्टडी टूर चुने हुए किसानों को मौका देगा कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयोग हो रही, खेती की नई तकनीकों को सीख सकें. इससे बाकी किसानों के लिए भी नए मौके पैदा हो सकेंगे.
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