पंजाब में धान खरीदी में धीमी गति को लेकर कई किसान यूनियन धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान यूनियनों के एक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी राज्य सरकार को इन समस्याओं को दूर करने के लिए 24 अक्टूबर तक का अल्टेमटम दिया है. समस्याएं हल नहीं होने पर एसकेएम ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है. वहीं, राज्य सरकार भी अब चावल मिल मालिकों को धान की मिलिंग के लिए मनाने में जुट गई है. सरकार ने मिल मालिकों को कई छूट दी है, जिसके बाद अब तक 2000 मिलर्स धान की मिलिंग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं.
'दि ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, 3500 राइस मिलर्स ने अभी सहमति नहीं जताई है. राइस मिलर्स मुख्य रूप से पीआर-126 और हाइब्रिड धान की किस्मों की मिलिंग को लेकर असहमत हैं. अधिकारियो का कहना है कि जल्द ही और 700 मिलर्स समझौते पर हस्ताक्षर कर मिलिंग शुरू करेंगे, जिससे धान के उठान में और तेजी आएगी. 2,000 मिलर्स द्वारा धान की मिलिंग शुरू करने से धान के उठान में थोड़ी-सी तेजी आई है. अभी तक 22.40 लाख मीट्रिक टन धान नहीं उठा है.
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धान की कुल आवक की बात करें तो आज तक मंडियों में 30.88 लाख मीट्रिक टन धान पहुंच चुका है, जिसमें से 27.68 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है और कुल 5.28 लाख मीट्रिक टन (17 फीसदी) धान का उठान हो चुका है. जिन मंडियों में किसान धान की पीआर-126 और हाइब्रिड किस्में ला रहे हैं, वहां उठान में समस्या देखी जा रही है. खन्ना के एक कमीशन एजेंट हरबंस रोशा ने कहा कि अनाज मंडी के आसपास के 45 शेलर्स ने धान का उठान शुरू कर दिया है. यहां पहुंचे कुल धान का 50 प्रतिशत उठान हो चुका है.
वहीं, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को चावल मिल मालिकों की मीटिंग बुलाई है. पंजाब चावल उद्योग संघ के अध्यक्ष भारत भूषण बिंटा ने बताया है कि उन्हें केंद्रीय मंत्री से मिलने और चावल मिल मालिकों के अटके पड़े मुद्दों के समाधान पर बात करने के लिए फोन आया है.
भारत भूषण बिंटा ने चावल मिल मालिकों की दो सबसे महत्वपूर्ण मांगों का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन के धान के भंडारण के लिए जगह बनाना और पीआर-126 व हाइब्रिड किस्मों की मिलिंग के लिए आउट टर्न रेशियो को घटाना उनकी प्रमुख मांगों में शामिल है.
किसानों का संगठन बीकेयू (एकता-उग्राहन) पहले से ही टोल प्लाजा, बीजेपी और आप नेताओं के आवास के बाहर धरना दे रहा है. इसमें रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का आवास भी शामिल है.