Forest Land: महाराष्‍ट्र के गढ़चिरौली में एक प्‍लांट के लिए कटेंगे लाखों पेड़, टाइगर कॉरीडोर खतरे में!

Forest Land: महाराष्‍ट्र के गढ़चिरौली में एक प्‍लांट के लिए कटेंगे लाखों पेड़, टाइगर कॉरीडोर खतरे में!

Forest Land: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच अभी इस प्रोजेक्‍ट का विरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखे हुए है. इस बीच ईएसी की मंजूरी की जमकर आलोचना हो रही है. माइनिंग करने वाली एक मशहूर कंपनी ने साल 2007 में अपना माइनिंग लाइसेंस हासिल कर लिया था लेकिन एक्टिव ऑपरेशंस साल 2016 में ही शुरू हो सके.

Iron Mining In GadchiroliIron Mining In Gadchiroli
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jun 11, 2025,
  • Updated Jun 11, 2025, 12:32 PM IST

Forest Land: महाराष्‍ट्र सरकार के एक फैसले ने किसान समेत कई एक्टिविस्‍ट्स को नाराज कर दिया है. सरकार ने गढ़चिरौली जिले के सुरजागढ़ आयरन ओर (लौह अयस्क) क्षेत्र में खनन से जुड़े कामों के विस्तार के लिए मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद, वाइल्‍ड लाइफ प्रोटेक्‍शन के तहत आने वाली 900 हेक्टेयर फॉरेस्‍ट लैंड पर 1.23 लाख से ज्‍यादा पेड़ों को काटा जाएगा. सरकार के इस फैसले से कई समूहों में काफी नाराजगी है. 

टाइगर कॉरीडोर पर खतरा 

एनवायरमेंटलिस्‍ट्स ने सरकार के इस  फैसले का कड़ा विरोध किया है. उनका कहना है कि सरकार का फैसला राज्‍य को एक ऐसे नुकसान की तरफ लेकर जा रहा है जिसकी कभी भी भरपाई नहीं की जा सकती है. उन्‍होंने कहा है कि इस फैसले के बाद यहां पर रहने वाले आदिवासी समुदाय पर खतरा पैदा हो जाएगा और साथ ही बड़े पैमाने पर जनजातीय विस्थापन होगा. इस प्रोजेक्‍ट से 937 हेक्टेयर फॉरेस्‍ट लैंड के खत्‍म होने की आशंका है. इसकी वजह से क्षेत्र में टाइगर कॉरीडोर भी खतरे में आ जाएगा और साथ ही कई और जंगली जानवरों के घर भी उजड़ जाएंगे. 

मंत्रालय की मंजूरी से हैरानी 

लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड की तरफ से चलाए जा रहे माइनिंग प्रोजेक्‍ट की दो महीने पहले पब्लिक हियरिंग हुई थी. इसमें इसकी खनन क्षमता को 10 मिलियन टन से बढ़ाकर 26 मिलियन टन करने की मांग की गई थी. इसके बाद पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने प्रोजेक्‍ट को विस्तार के लिए मंजूरी की सिफारिश की. हैरानी की बात है कि कुछ ही हफ्तों के अंदर मंत्रालय ने लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी को फॉरेस्‍ट जोन में ओर वॉशिंग प्‍लांट लगाने के लिए एक लाख से ज्‍यादा पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी. इस फैसले ने एक्टिविस्‍ट्स को खासा नाराज कर दिया है. 

विस्‍थापन का डर 

सुरजागढ़ पहाड़ियों पर खनन तीन साल पहले शुरू हुआ था तब यह क्षेत्र नक्सली गतिविधियों से प्रभावित था. लॉयड्स मेटल्स को 348 हेक्टेयर के लिए खनन लीज दिया गया था. अब उसी क्षेत्र में पांच और खनन ब्लॉक्‍स के लिए टेंडर खोले गए हैं. यह क्षेत्र महाराष्‍ट्र से छत्तीसगढ़ तक फैले विशाल फॉरेस्‍ट जोने का हिस्‍सा है. स्थानीय लोगों को खनन क्षेत्र में 30 से 40 गांवों के 50,000 से ज्‍यादा लोगों के विस्थापन का डर सता रहा है. 

अभी कोर्ट में चल रही सुनवाई 

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच अभी इस प्रोजेक्‍ट का विरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखे हुए है. इस बीच ईएसी की मंजूरी की जमकर आलोचना हो रही है. कंपनी ने साल 2007 में अपना माइनिंग लाइसेंस हासिल कर लिया था लेकिन एक्टिव ऑपरेशंस साल 2016 में ही शुरू हो सके. हालांकि नक्‍सलियों के गुस्‍से के चलते इसे रोकना पड़ा था. दूसरी ओर आदिवासी समुदाय वन अधिकारों के उल्लंघन और अपनी पुश्तैनी जमीनों के खोने की आशंका के चलते इस प्रोजेक्‍ट का विरोध कर रहा है. 

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