हरियाणा में इस समय रबी फसलों की बुवाई का पीक टाइम चल रहा है. इस बीच यहां के किसान डीएपी खाद की कमी की बात कह रहे हैं. राज्य में सरकारी खाद बिक्री केंद्रों पर लंबी लाइन देखने को मिल रही है. कई जिलों में नौबत यहां तक आ पहुंची है कि पुलिस की निगरानी में खाद वितरण हो रहा है औ कुछ में पुलिस स्टेशन से खाद की बिक्री हो रही है. इसी क्रम में अब विपक्ष खाद की कमी बताकर राज्य सरकार पर हमलावर है. वहीं, राज्य सरकार भी विपक्ष पर यह कहते हुए हमलावर है कि खाद की ज़रा भी कमी नहीं है और आपूर्ति के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. इस दौरान मंत्री ने आंकड़े भी पेश किए.
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि सरकार ने किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि वे किसानों को गुमराह करने के लिए राज्य में डीएपी खाद की कमी की बात कहर रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार सफलतापूर्वक रबी सीजन की अच्छी बुवाई का समर्थन करने के लिए बिना रुकावट के डीएपी सहित अन्य खादों की आपूर्ति कर रही है.
कृषि मंत्री राणा ने जानकारी दी कि डीएपी के अलावा किसान एनपीके और सिंगल सुपरफॉस्फेट (एसएसपी) सहित कई तरह की खादों का उपयोग करते हैं. हरियाणा को 65,200 मीट्रिक टन एनपीके मिल चुका है, जिसमें से वर्तमान में 26,041 मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है. एसएसपी भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है, जिसका वर्तमान स्टॉक 71,380 मीट्रिक टन है.
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गुरुवार को सीनियर कांग्रेस लीडर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने डीएपी खाद की कमी की बात कहते हुए भाजपा को दोषी ठहराया और कहा कि यह संकट खादों के आयात और स्टॉक में कमी के साथ-साथ इस पर सब्सिडी में कटौती के कारण हुआ है. इधर, कांग्रेस नेता के दावों उलट मंत्री राणा ने कहा कि हरियाणा सरकार पहले ही 2.38 लाख मीट्रिक टन (एमटी) डीएपी जारी कर चुकी है.
मंत्री ने कहा कि यह मात्रा 24 सितंबर से 25 मार्च तक चलने वाले चालू रबी सीजन के लिए जरूरी कुल 3.48 लाख मीट्रिक टन का एक बड़ा हिस्सा है. राज्य भर में क्रमशः लगभग 24 लाख हेक्टेयर और 10 लाख हेक्टेयर में गेहूं और सरसों की फसलों को अब तक उर्वरक स्टॉक से अच्छी तरह से समर्थन मिला है.
कृषि मंत्री ने विभागीय आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में इस साल भी पिछले साल जितना डीएपी की जरूरत है. पिछले रबी सीजन में कुल 2,29,086 मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी, जबकि इस साल 7 नवंबर तक हमें 1,71,002 मीट्रिक टन डीएपी खाद मिल चुकी है. वर्तमान में कई जिलों में 26,497 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है और 11 नवंबर तक 14,574 मीट्रिक टन एक्स्ट्रा आने की उम्मीद है. (पीटीआई)