लगातार तीन लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हुए केंद्र में एनडीए की सरकार को 11 साल पूरे हो चुके है. इसे लेकर बीजेपी और एनडीए से जुड़े दल अपनी सरकारी की उपलब्धियों को जिक्र कर रहे हैं. इसी क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए अपनी सरकार को किसान हितैषी बताया है. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि हमारे किसान भाई-बहनों को पहले जहां छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी उधार लेने को मजबूर होना पड़ता था, वहीं बीते 11 साल में हमारी सरकार के निर्णयों से उनका जीवन बहुत आसान हुआ है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि हो या फिर किसान फसल बीमा, हमने उनके कल्याण के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. अब एमएसपी में निरंतर बढ़ोतरी से देश के अन्नदाताओं को ना सिर्फ फसलों की उचित कीमत मिल रही है, बल्कि उनकी आय भी बढ़ रही है.
सरकार ने कहा कि सीमांत खेतों से लेकर वैश्विक पटल तक भारत के किसान पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं. 2014 से पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को सम्मान, आय सहायता, एमएसपी आश्वासन, कृषि-इंफ्रा और वैश्विक बाजार तक पहुंच हासिल करने में मदद मिली है.
सरकार ने कहा कि हमने 1,500 से ज़्यादा मंडियों को डिजिटल रूप से जोड़कर, ई-नाम प्लेटफ़ॉर्म के जरिए कृषि बाज़ारों को पारदर्शी, सीमा-रहित और किसान-केंद्रित बनाया है. किसान अब वहीं अपनी उपज बेचते हैं, जहां उन्हें सबसे अच्छी कीमत मिलती है.
किसान रेल की शुरुआत से किसानों को जल्दी खराब होने वाली फसलें तेजी से और दूर तक भेजने में मदद मिली. 2,300 से अधिक किसान रेल सेवाओं के माध्यम से 7.9 लाख टन से अधिक उपज भेजी गई. इसमें किसानों को माल भेजने के किराए में 50 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाती है.
2023-24 में कृषि निर्यात 4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो 10 साल में दोगुना हो गया है. भारत के किसान अब वैश्विक हो रहे हैं. वर्ष 2013-14 में कृषि निर्यता 1.94 लाख करोड़ रुपये था यानी 10 साल में यह 112 प्रतिशत बढ़ गया है.
1 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष से आधुनिक गोदाम, कोल्ड चेन और बेहतर ग्रामीण लॉजिस्टिक्स का विकास हुआ है. इससे किसानों की कमाई अब फसल कटाई के बाद भी जारी रहती है. वहीं, इसकी वजह से कृषि में 9 लाख नए रोजगार का सृजन हुआ है.
सरकार ने बताया कि सामूहिक सौदेबाजी और बाजार की ताकत को बढ़ाने के लिए 10,000 से अधिक एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) बनाए गए हैं. इसमें आखिरी में बना 10 हजारवां एफपीओ बिहार में बना है. इन सभी एफपीओ से देश के 30 लाख से ज्यादा किसान जुड़े हैं और इनमें 40 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं की है. किसान उत्पादक संगठनों को वर्ष 2027-28 तक के लिए 6800 करोड़ रुपये से अधिक का बजट समर्थन दिया जा रहा है.
सरकार ने कहा कि तटीय और अंतरदेशीय मछुआरे अब अर्थव्यवस्था में प्रमुख खिलाड़ी हैं. भारत मछली उत्पादन के मामले में 8 प्रतिशत उत्पादन के साथ दुनिया में दूसरे नंबर पर है. 2013-14 में 95.79 लाख टन मछली उत्पादन था, जो 2023-24 में बढ़कर 184 लाख टन हो गया. पीएमएमएसवाई और सागरमाला परियोजनाओं ने भारत के मछुआरों के लिए बेहतर बंदरगाह, कोल्ड चेन और बाजार संपर्क बनाए हैं, जिससे ब्लू इकोनॉमी को जोरदार बढ़ावा मिला है.
राष्ट्रीय गोकुल मिशन ने देशी नस्लों का संरक्षण किया, देसी डेयरी विकास को बढ़ावा दिया और पशुपालकों को नई उम्मीद दी है. मिशन-मोड समर्थन, बेहतर चारा और मजबूत पशु चिकित्सा बुनियादी ढांचे की बदौलत भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है.
खाद्य प्रसंस्करण क्षमता में भारी वृद्धि ने मूल्य संवर्धन, निर्यात तत्परता और ग्रामीण रोजगार सुनिश्चित किया है और खेत से खाने तक की श्रृंखला अब निर्बाध है. कोल्ड चेन, मेगा स्टोरेज, फूड टेक पार्क भारत कृषि-लॉजिस्टिक्स क्रांति का गवाह बन रहा है. किसानों को कम नुकसान और बेहतर मार्जिन का लाभ मिल रहा है.
पूरे भारत में 24 मेगा फूड पार्क बनाए गए - जिससे किसानों को उद्योग से जोड़ा गया, बर्बादी कम हुई और कृषि प्रसंस्करण के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला. वहीं, भारत का मसाला क्षेत्र भी आगे बढ़ रहा है. मोदी सरकार के तहत भारत मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक बन गया है.
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