प्याज को लेकर महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आई है. प्याज की गिरती कीमतों के संकट के बीच महाराष्ट्र सरकार ने प्याज पर पॉलिसी बनाने के लिए 19 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. यह कमेटी अपनी सिफारिश देगी जिसके आधार पर प्याज की कीमतों को लेकर सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है. 2023-24 में महाराष्ट्र में देश के कुल प्याज उत्पादन का लगभग 34 फीसद हिस्सेदारी रही. हालांकि, प्याज के व्यापार पर केंद्र की नीतियां प्याज किसानों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गई हैं.
इस संकट से महाराष्ट्र के किसानों को उबारने के लिए महाराष्ट्र राज्य सरकार ने एक प्याज नीति का मसौदा तैयार करने के लिए 19 सदस्यीय समिति बनाई है जिसकी मियाद छह महीने की होगी. इस अवधि में समिति को अपनी सिफारिश देनी होगी. 'लोकमत टाइम्स' की एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.
इस समिति की अध्यक्षता राज्य कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल करेंगे. हालांकि, चूंकि NAFED और NCCF जैसी प्रमुख खरीद एजेंसियां केंद्र सरकार के नियंत्रण में आती हैं, इसलिए राज्य समिति के पास सीमित अधिकार होंगे, जो चिंता का विषय है. महाराष्ट्र प्याज उत्पादन में अव्वल राज्य होने के बावजूद और भारत की लगभग 90 फीसद आपूर्ति नासिक जिले से के बाद भी यहां के किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
महाराष्ट्र के किसानों को प्याज की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव का सामना करना होता है. कभी कीमतें इतनी गिर जाती हैं कि गुस्से में किसान अपनी उपज को सड़कों पर फेंक देते हैं. किसानों की शिकायत है कि महाराष्ट्र में प्याज को स्टोर करने की सुविधा बहुत कम है. इसके अलावा निर्यात पर लगने वाला प्रतिबंध भी दाम में गिरावट लाता है. प्याज कटाई के बाद होने वाले नुकसान से भी किसानों को भारी घाटा होता है.
कृषि विभाग के रिटायर्ड उपनिदेशक जगदीश पाटिल ने कमेटी बनाने के कदम का स्वागत किया, लेकिन चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा, "समिति बनाना बुरा नहीं है, लेकिन यह चुनाव से पहले सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी नहीं होनी चाहिए. समिति की ओर से सुझाई गई नीतियां पारदर्शी होनी चाहिए और प्रभावी ढंग से लागू होनी चाहिए. इसमें नासिक के अनुभवी प्याज किसानों को शामिल किया जाना चाहिए और इस पर फोकस किया जाना चाहिए कि किसान अपनी उत्पादन लागत वसूल कर सकें."
यह समिति प्याज की खेती से लेकर उत्पादन और मार्केटिंग जैसे अलग-अलग मुद्दों पर विमर्श करेगी और अपनी सिफारिश देगी. समिति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों का भी अध्ययन करेगी. स्टोरेज, प्रोसेसिंग और कीमतों की चुनौतियों के बारे में भी अध्ययन किया जाएगा. सभी बातों पर गौर करते हुए यह समिति प्याज के निर्यात को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे पर भी अपनी राय देगी.