संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. इस बार मॉनसून सीजन में बजट सत्र शुरू हुआ है, जिसके तहत सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया गया तो वहीं मंगलवार को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पारित किया गया है.
कुल जमा इस बजट सत्र में बजट से जुड़ी चर्चाएं ही संसद के अंदर होंगी, लेकिन इसके इतर बजट के साथ ही संसद के अंदर MSP गारंटी पर घमासान होने की भी प्रबल संभावनाएं बन रही हैं, जिसके तहत विपक्षी दल MSP गारंटी कानून को लेकर केंद्र सरकार यानी माेदी सरकार का घेराव कर सकते हैं और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसका चेहरा हो सकते हैं.
बीते दिनों किसान आंदोलन ने जिस तरीके से करवट ली है, जिसके तहत MSP गारंटी कानून की मांग और मौजूदा आंदोलन का चेहरा राहुल गांधी को बनाने के प्रयास हुए हैं, वह सभी बजट सत्र में MSP गांरटी पर संसद में घमासान होने की तरफ इशारा कर रहे हैं. आइए आज इस पर विस्तार से बात करते हैं.
मॉनसून सीजन में शुरू हुए बजट सत्र में संसद के अंदर MSP गारंटी को लेकर घमासान की संभावनाओं को समझने के लिए पहले किसान आंदोलन की बदली हुई चाल को समझना होगा. इसके लिए SKM गैरराजनीतिक और SKM के मूवमेंट को अलग-अलग समझना होगा. बेशक दोनों किसान संगठनों का लक्ष्य एक ही है, लेकिन कोशिशें अलग-अलग जारी हैं.
SKM गैरराजनीतिक के नेतृत्व में 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से किसान आंदोलन शुरू हुआ था, जिसका लक्ष्य दिल्ली में प्रदर्शन करना था, लेकिन हरियाणा सरकार की तरफ से बॉर्डर में बैरिकेड लगाने के बाद से किसान शंभू, खनौरी बॉर्डर पर ही आंदोलन कर रहे हैं. हालांकि बीते दिनों पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर से बैरिकेड हटाने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट गई हुई है तो वहीं SKM गैराराजनीतिक के नेताओं ने ऐलान किया है कि बॉर्डर खुलते ही किसान दिल्ली आएंगे.
किसान आंदोलन के इस विस्तार की घोषणा के साथ ही SKM गैरराजनीतिक के नेताओं ने विपक्ष के नेताओं से भी मुलाकात की है. जिनसे किसानों की मांगों पर समर्थन की मांग करते हुए SKM गैरराजनीतिक MSP गारंटी के मुद्दे पर संसद में प्राइवेट मेंबर बिल लाने की संंभावनाएं तलाश रहा है. इसको लेकर SKM गैरराजनीतिक ने सोमवार को कान्स्टीट्यूशन क्लब में किसान सम्मेलन किया था.
वहीं इसी अंदाज में SKM भी आगे बढ़ रहा है. SKM भी इससे पूर्व अपने विशेष अभियान के तहत 16 से 18 जुलाई तक विपक्षी दलों के सांसदों से मिलकर अपना मांग पत्र उन्हें सौंप चुका है. तो वहीं SKM भी सदन के अंदर MSP गारंटी कानून पर एक प्राइवेट मेंबर बिल लाना चाहता है. इसके लिए विपक्ष के नेताओं को SKM ने मांग पत्र सौंपा था.
SKM गैरराजनीतिक और SKM के रास्ते अलग-अलग हैं, लेकिन लक्ष्य एक ही है और दोनों ही किसान संंगठन MSP गांरटी कानून पर संसद के अंदर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का सहारा चाहते हैं. इसी कड़ी में दोनों किसान संगठन राहुल गांधी से मुलाकात की संभावनाएं तलाश रहे हैं. जानकारी के मुताबिक SKM गैरराजनीतिक और SKM के किसान नेताओं से राहुल गांधी 24 जुलाई को मुलाकात कर सकते हैं.
मॉनसून सीजन में शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में अभी तक MSP गारंटी पर कोई लिखित एजेंडा नहीं है. अभी तक की जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से बजट सत्र में 6 बिलों को सदन में रखा जाना है. अभी तक संसद में MSP पर विपक्ष की तरफ से भी कोई लिखित एजेंडा नहीं रखा गया है, लेकिन जिस तरीका का माहौल बनता हुआ दिख रहा है, उसमें ये कहा जा सकता है कि संसद में विपक्षी दल MSP गारंटी पर सत्ता पक्ष से सवाल करेंगे.
वहीं प्राइवेट बिल पर किसान नेताओं की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही स्पष्टता आएगी. हालांकि ये कहा जा सकता है कि अगर पूर्व सांसद राजू शेट्टी की तरफ से 2018 में MSP गारंटी कानून पर लाए गए प्राइवेट मेंबर बिल पर किसान संगठनों और राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के बीच सहमति बनती है तो संसद के इसी बजट सत्र में ही इस पर व्यापक चर्चा हो सकती है. वहीं अगर नए बिल को लाया जाता है तो इसके लिए फिलहाल इंतजार करना पड़ सकता है. क्योंकि बिल को बनाने, उसमें सर्वसम्मति जैसी बाधाएं पार अपने आप में एक जटिल प्रक्रिया होगा.